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इन अधिकारियों का काम मंडल स्तर पर सरकारी कार्यों का सही ढंग से संचालन करना होता है। यह अधिकारी संबंधित विभागों में कार्यरत सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर होते है। अगर आप भी Sub Divisional Officer Kaise Bane के बारे में जानना चाहते है तो हमारी इस पोस्ट को अंत तक पढ़े जिसमे आपको SDO Kaise Bane और SDO Ke Karya In Hindi जैसी बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिलेगी।
SDO Kya Hai
SDO एक सरकारी पोस्ट होती है, जो देश के प्रत्येक राज्य के लगभग हर विभाग जैसे- बिजली विभाग, पुलिस विभाग, सिंचाई विभाग आदि में होती है। देश के सभी राज्यों के हर एक शहर और जिले में एक SDO को नियुक्त किया जाता है, जो सरकारी व्यवस्था को सुचारु रूप से पूरी तरह संभालने का कार्य करता है। एसडीओ ऑफ़िस के अधिकारी राज्य सरकार के अधीन कार्य करते है। इन अधिकारियों की नियुक्ति और चयन भी राज्य सरकार द्वारा ही की जाती है।
SDO Full Form:
SDO Full Form In English – Sub Division Officer होता है।
SDO Full Form In Hindi:
SDO का फुल फॉर्म हिंदी में – उप -विभागीय अधिकारी होता है।
SDO Kaise Bane (How To Become SDO)
सरकार द्वारा SDO का चयन दो तरह से किया जाता है पहला आप विभाग के प्रोमोशन से चुने जाते है जिसमें उस विभाग के छोटे अधिकारी होते है जिन्हें उनके अच्छे काम के लिए प्रमोट करके SDO बना दिया जाता है वहीं दूसरी तरफ सरकार इन पदों की डायरेक्ट भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन भी करती है। तो चलिए अब हम आगे जानते है कि किसी भी राज्य में SDO का चुनाव परीक्षा द्वारा कैसे किया जाता है।
SDO Officer राज्य सरकार के अधीन एक सरकारी अधिकारी होता है इसलिए इसका चयन भी प्रत्येक राज्य की सरकार द्वारा खुद किया जाता है। SDO का चयन राज्य सरकार द्वारा PSC (Public Service Commission) यानि लोक सेवा आयोग की परीक्षा के द्वारा किया जाता है। लगभग हर राज्य में प्रत्येक वर्ष लोक सेवा आयोग द्वारा SDO के चयन के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाता है और इच्छुक उम्मीदवार इस परीक्षा फॉर्म को भरकर यह परीक्षा दे सकते है। इस परीक्षा में उम्मीदवार का संबंधित विभाग के क्षेत्र में ग्रेजुएशन होना चाहिये जैसे- अगर आप तकनीकी या बिजली विभाग में SDO बनना चाहते है तो उसके लिए आपके पास उस क्षेत्र में स्नातक होना चाहिये।
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SDO Banne Ke Liye Yogyta
SDO अधिकारी बनने के लिए आपके पास क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए इसके बारे में आपको नीचे दर्शाया गया है:
- SDO Officer बनने के लिए आपकी उम्र 21 से 30 वर्ष के बीच होना चाहिये, वहीं OBC और SC/ST श्रेणी के उम्मीदवारों को उम्र में क्रमशः 3 और 5 साल की छूट प्राप्त है।
- SDO की Exam में बैठने के लिए आपके पास सम्बन्धित क्षेत्र में स्नातक की डिग्री अनिवार्य है।
यदि आपके पास ऊपर दर्शायी गयी दोनों योग्यताएं है, तो आप इस परीक्षा के लिए पात्र है यह परीक्षा दो चरणों में होती है।
प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)
यह परीक्षा SDO के लिए दी जाने वाली पहली परीक्षा होती है जिसमें उम्मीदवार से अधिकतर सामान्य ज्ञान, गणित, तर्क-शक्ति आदि विषयों से सम्बन्धित वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाते है, जब उम्मीदवार यह परीक्षा पास कर लेता है तब वह इसके दूसरे चरण की परीक्षा के लिए पात्र होता है।
मुख्य परीक्षा (Mains Exam)
यह SDO की परीक्षा का दूसरा चरण होता है जिसमें उम्मीदवार को प्रथम चरण पास करने के बाद ही बुलाया जाता है इसमें उम्मीदवार को लिखित परीक्षा देना पड़ती है तथा यह प्रारंभिक चरण से थोड़ी कठिन होती है। जो उम्मीदवार इस परीक्षा को भी पास कर लेते है उन्हें अंतिम चरण में साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। साक्षात्कार में उम्मीदवार के प्रदर्शन के आधार पर ही SDO Post के लिए अंतिम रूप से सफल उम्मीदवार का चयन किया जाता है।
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SDO Ke Karya
SDO अपने विभाग का सबसे बड़ा अधिकारी होता है जिसमें उसके डिवीज़न में आने वाले अन्य सभी छोटे अधिकारी अपने काम के लिए SDO के प्रति जवाबदेही होते है और वह तहसीलदारों और अन्य अधिकारियों की मदद से अपने क्षेत्र के विकास कार्य पर भी नजर रखता है। इसके साथ ही SDO छोटे अधिकारियों के लिए जनता द्वारा शिकायत आने पर उनकी शिकायत की सुनवाई भी करता है। जो भूमिका एक DM की पूरे जिले में होती है वही भूमिका एक SDO की अपने विभाग में होती है।
SDO Salary
सामान्यतः एक SDO की मासिक तनख्वाह 23,640 रुपये के आस-पास हो सकती है जिसमे Allowances And Grades अलग से शामिल है यह शुरुआत में नए भर्ती किये गये SDO अधिकारी को मिलती है। सभी सुविधाओं और भत्ते को जोड़ने के बाद शुरुआती स्तर पर SDO Ka Salary 51,378 रुपये प्रति माह हो सकती है जबकि सीनियर पोस्ट के अधिकारी की तनख्वाह इससे अधिक होती है।
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Difference Between SDM And SDO In Hindi
SDM और SDO दोनों ही सरकारी अधिकारी होते है लेकिन इन दोनों की पोस्ट अलग-अलग होती है और उसी हिसाब से इनके कार्य भी अलग-अलग है तो SDM और SDO में अंतर स्पष्ट करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु नीचे दर्शाये गए है:
- SDO को उप-अधिकारी कहा जाता है जबकि SDM को उप-प्रभागीय न्यायाधीश कहा जाता है।
- SDO हर जिले और विभाग में अलग-अलग होते है जबकि SDM हर जिले में केवल एक ही होता है।
- SDO केवल अपने विभाग की व्यवस्था की ज़िम्मेदारी रखता है जबकि SDM के पास पूरे जिले की व्यवस्था की ज़िम्मेदारी होती है।
- SDO की संख्या SDM की संख्या से ज्यादा होती है।
Conclusion:
हर कोई चाहता है कि वह सरकारी विभाग में अधिकारी बने परन्तु कुछ लोग तो केवल जानकारी के अभाव में ही अपने सपनों को पूरा करने से वंचित रह जाते है। सरकारी अधिकारी की नौकरी करने के लिए एसडीओ अधिकारी एक बेहतर विकल्प है क्योंकि यह एक रिस्पेक्टफुल माहौल के साथ-साथ अच्छी सैलरी भी उपलब्ध कराती है। आज हमने आपको SDO Officer Kaise Bane तथा एसडीओ अधिकारी वेतन से सम्बन्धित पूरी जानकरी प्रदान की है। अगर आपके में इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते है।
Mujhe bahut achchha laga
बहुत ही सुंदर शब्दों में बताया हैं आपने मुझे बहुत अच्छा लगा पढ़कर