Essay on Pollution in Hindi – जानिए पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में

आज हम अपने इस लेख में आपको Pollution Essay In Hindi के बारे में विस्तार से बताएगें। प्रदूषण यानी कि दूषित तत्व जब हमारे वातावरण में

Editorial Team

आज हम अपने इस लेख में आपको Pollution Essay In Hindi के बारे में विस्तार से बताएगें। प्रदूषण यानी कि दूषित तत्व जब हमारे वातावरण में मिल जाते है तो यही प्रदूषण बन जाते है। प्रदूषण का नकारात्मक प्रभाव प्रकृति पड़ता है। पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में १०० शब्दों और प्रदूषण को रोकने के उपाय पर निबंध लिखने में हमारी यह पोस्ट आपके लिए काफी उपयोगी है। आज के समय वातावरण बहुत प्रदूषित हो गया है, जिसका दुष्प्रभाव बहुत ही घातक साबित हो रहा। मनुष्य एवं जीव प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण से जुड़े हुए है। प्राकृतिक वातावरण में मानव के हस्तक्षेप से पर्यावरण के स्तर में दुष्प्रभाव हुआ है। अगर आप भी प्रदूषण रोकने के उपाय निबंध और पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 250 शब्दों में लिखना चाहते है तो हमारे इस लेख के अंत तक बने रहे।
आज हम अपनी इस पोस्ट में आपको प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 100 शब्दों, पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के उपाय पर निबंध और paryavaran pradushan ka nishkarsh इसके अलावा पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध लिखने के सभी पहुलओं को सरलता से समझायेगें। प्रदूषण के प्रकार पर निबंध और पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध 250 शब्द. पर्यावरण प्रदूषण का निष्कर्ष, प्रदूषण से हानि पर निबंध से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

प्रदूषण क्या है?

(Pollution Kise Kehte Hai?)

प्रदूषण की परिभाषा:

” प्रदूषण एक अनावश्यक परिवर्तन है, जो वायु जल रासायनिक और जैविक गुणों पर गलत प्रभाव डाल कर उसको मनुष्य व अन्य प्राणियों के लिए हानिकारक बना डालता है।” Pradushan Ko Rokne Ke Upay Essay In Hindi और
पर्यावरण प्रदूषण का निष्कर्ष भी आप इसी पोस्ट के माध्यम से जानगे। अगर आप पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में १०० शब्दों या फिर पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध हिंदी में 250 शब्दों में लिखना चाहते है तो इसकी शुरुआत आप कुछ इस तरह से कर सकते है। जैसा कि हमने नीचे बताया है-
पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है परि+आवरण। परि का सामान्य अर्थ है – चारों ओर, तथा आवरण का अर्थ है – “घिरा हुआ”, अर्थात जो हमारे चारों ओर विद्यमान है। प्रकृति ने हमारे लिए स्वस्थ और सुखद पर्यावरण का निर्माण किया है। लेकिन मानव अपनी निजी आवश्यकताओं के लिए पर्यावरण से छेड़छाड़ करता है और, इसे प्रदूषित करता है।
जैसे-जैसे देश में तकनीकी विकास हुआ है,उसी के साथ साथ पर्यावरण को हानि पहुंचाने के साधन भी बढ़े हैं।
प्रदूषण पर्यावरण में फैलकर उसे प्रदूषित बनाता है, और इनका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर उल्टा पड़ता है। पर्यावरण में हमारे आसपास की बाहरी परिस्थितियां आती है, जिसमें वायु, जल, भोजन और सामाजिक परिस्थितियां सम्मिलित है, जो हमारे ऊपर अपना प्रभाव डालती है।

प्रदूषण के प्रकार

(Types of Pollution)

पर्यावरण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, प्राकृतिक पर्यावरण और सामाजिक पर्यावरण। प्राकृतिक पर्यावरण प्रकृति से संबंधित होता है एवं सामाजिक पर्यावरण मानव संबंधों को प्रकट करता है। वैसे तो प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं, लेकिन यह मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं – वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं मृदा प्रदूषण। Essay On Environmental Pollution In 250 Words में आप लिखना चाहते है तो आप इन महत्वपूर्ण बातों को भी अपने निंबध में शामिल कर सकते है।

वायु प्रदूषण (Air Pollution):

वायु मनुष्य जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक होती है। बिना वायु के मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसें एक निश्चित मात्रा में उपस्थित होती है, और जीवधारी अपनी क्रियाओं तथा सांस के द्वारा ऑक्सीजन और कार्बनडाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखते हैं। लेकिन आज मनुष्य अपनी भौतिक आवश्यकताओं के नाम पर, इन सभी गैसों के संतुलन को नष्ट कर रहा है। यदि शहर की हवाओं की तुलना, गांव की हवाओं से की जाए तो एक विशेष अंतर सामने आता है।

 

एक तरफ गांव की हवाएं शुद्ध एवं मन को प्रसन्न कर देने वाली होती है, वहीं दूसरी ओर शहरों की हवा से घुटन महसूस होती है। कारण शहरों में प्रदूषण करने वाले संसाधनों में वृद्धि हुई है।

वायु प्रदूषण के कारण (Causes of Air Pollution): 

  • वाहनों तथा कारखानों द्वारा छोड़ा गया जहरीला धुआं वायुमंडल में मिलकर वायु को प्रदूषित करता है ।
  • पर्यावरण में Oxygen की मात्रा का घटना और Carbon Dioxide की मात्रा का बढ़ना ही वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है।
  • वायु प्रदूषण से मनुष्य में ह्रदय रोग, आंखों के रोग तथा मुंहासे आदि रोग होते हैं। जो बहुत ही पीड़ा जनक हो सकते हैं।

जल प्रदूषण (Water Pollution): 

जल मानव जीवन के लिए मुख्य घटक है। जल के बिना कोई भी जीवधारी, जैसे पेड़, पौधे मछलियां आदि, जीवित नहीं रह सकते।
“प्राकृतिक जल में अनुचित पदार्थ का प्रवेश जिससे जल की शुद्धता में गिरावट होती है जल प्रदूषण कहलाता है।”

जल के प्रदूषण के कारण रोग पैदा करने वाले जीवाणु और वायरस पनपते है। जल में विभिन्न प्रकार के खनिज तत्व, पदार्थ तथा गैसे घुली होती हैं जो एक विशेष मात्रा में होती है। जब इनकी मात्रा अधिक हो जाती है, तो वह बहुत ही ज्यादा हानिकारक होती है।

एक तरफ हम नदियों को माता के नाम से संभोदित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे प्रदूषित कर जल की शुद्धता को नष्ट कर देते हैं।

जल प्रदूषण होने के कारण (Causes of Water Pollution): 

घरों से निकलने वाला गंदा पानी, नदियों और तालाबों में मिलकर जल को प्रदूषित करता है। तालाबों में पालतू जानवरों को नहलाने, जल स्त्रोतों को किनारों पर गंदगी करने, पेड़ पौधों की पत्तियां, तथा कचरा डालने, कारखाने की फैक्ट्री से निकलने वाले रासायनिक पदार्थ पानी में बहा देने आदि से जल प्रदूषण होता है।

प्रदूषण से मानव में टाइफाइड, मलेरिया, हैजा आदि रोग उत्पन्न होते हैं। मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं।

ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution):
अनावश्यक और आपत्तिजनक आवाज ही शोर है। जो आवाज किसी व्यक्ति के लिए मनोरंजन का साधन है, वह किसी अन्य व्यक्ति के लिए शोर हो सकता है।
ध्वनि प्रदूषण से मनुष्य की सुनने की शक्ति कम हो रही है। यदि कोई आवाज एक सीमित वैग मैं सुनी जाए तो वह दुष्प्रभाव नहीं डालती। मगर यदि यही आवाज आवश्यकता से अधिक तेज वैग वाली हो, तो वह असहनीय हो जाती है। ध्वनि प्रदूषण मनुष्य की एकाग्रता भंग करने का प्रमुख कारण है। जिससे मनुष्य अपने किसी भी कार्य को एकाग्रचित्त होकर नहीं कर सकता।
ध्वनि प्रदूषण होने के कारण (Causes of Noise Pollution):
  • वाहनों, जेट विमानों, लाउडस्पीकर, बाजे, सायरन और कारखानों की बड़ी-बड़ी मशीनों से निकलने वाली आवाजें, यह सभी ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण है।
  • ध्वनि प्रदूषण से मनुष्य मैं नींद न आना, काम में मन ना लगना, चिड़चिड़ापन, आदि रोग उत्पन्न हो रहे हैं।

मृदा प्रदूषण (Soil Pollution): 

मिट्टी में अनावश्यक पदार्थों का मिलना, जिससे की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते है, मृदा प्रदूषण कहलाता है। मिट्टी हमारे भोजन के लिए अन्न का उत्पादन करती है। यदि मिट्टी ना हो तो फसलों का उत्पादन नहीं हो सकता। साथ ही मिट्टी कई छोटे-बड़े जीवो के लिए आश्रय का साधन होती है। जो कि मृदा प्रदूषण के कारण बहुत ही हानिकारक हो जाती है।

वर्षा के समय या प्रदूषित मिट्टी, जल स्त्रोतों में पहुंचकर अलग-अलग जीवो के ऊपर घातक प्रभाव डालती है। और उनके शारीरिक विकास पर भी इसका दुष्परिणाम पहुंचता है। बेकार पड़े पदार्थों के जमाव से भूमि अन्य कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं रहती है, और भूमि के बीहड़ों में बदलने का खतरा उत्पन्न हो जाता है।

मृदा प्रदूषण होने के कारण (Causes of Soil Pollution): 

  • किसान अपनी कृषि की पैदावार बढ़ाने के लिए अनेक प्रकार के रासायनिक खादों कीटनाशकों और रोग नाशक दवाइयों का प्रयोग कर रहा है, जिससे मिट्टी में मौजूद सभी पोषक-तत्व नष्ट हो रहा है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है।
  • प्लास्टिक, चमड़ा जैसे नष्ट ना होने वाले रासायनिक प्रदूषक मिट्टी में मिल कर उसकी उपजाऊ पन को खत्म कर देते हैं।
  • निरंतर सिंचाई अस्पतालों से निकला अपशिष्ट पदार्थ खानों से निकला मलबा पॉलिथीन शहरीकरण आदि मृदा प्रदूषण के मुख्य कारण है।

अब हम जानेंगे, इस प्रदूषण की Problem Ka Solution, अर्थात इनके उपाय।

प्रदूषण रोकने के उपाय

(Measures to Prevent Pollution)

पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए पिछले कई वर्षों से विश्व भर में प्रयास किया जा रहा है। आज औद्योगिक क्षेत्र में इस प्रदूषण की समस्या को बहुत ही गंभीर बना दिया है। इस औद्योगिकरण तथा जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न प्रदूषण को व्यक्तिगत और शासकीय दोनों ही स्तर पर रोकने के प्रयास आवश्यक है।

  1. जल प्रदूषण को रोकने के लिए घरों और कारखानों से निकलने वाला गंदा पानी नदियों और तालाबों में छोड़ने पर रोक लगा दी जाए, एवं वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का उपयोग किया जाए।
  2. वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कुछ इस प्रकार की तकनीकी विकसित की जाए कि कारखाने और वाहन धुआं ना छोड़े और सब बिजली से चले।
  3. ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए तेज बजने वाले वाद्य यंत्रों पर रोक लगा दी जाए।
  4. मृदा प्रदूषण रोकने के लिए खेतों में रासायनिक खादों पर रोक लगा दी जाए और उत्पादन बढ़ाने के लिए जैविक खाद का उपयोग किया जाए।
  5. जल स्रोतों के पास बसी बस्तियों के लोगों के लिए शौचालय बनवाए जाएं। साथ ही जल स्त्रोतों में कचरा एवं अन्य प्रदूषक सामग्री डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
  6. प्रदूषण को रोकने के लिए सबसे अच्छा उपाय वृक्षारोपण है। ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए जाएं, साथ ही वनों की कटाई पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया जाए।

इन सबके अलावा, प्रदूषण को रोकने के लिए यदि सबसे महत्वपूर्ण है तो वो है, लोगों में एकता। यह तभी संभव है जब सब साथ मिलजुलकर प्रयास करें।

प्रदूषण पर निष्कर्ष

आज भारत सरकार और जन-सामान्य दोनों ही पर्यावरण के प्रति सजग हो रहे हैं। इस प्रकार सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा पर्यावरण की शुद्धि हेतु एक साथ प्रयास किए जा रहे हैं। माननीय श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए “स्वच्छ भारत अभियान” में लोगों ने बढ़ चढ़कर अपना योगदान दिया है।
आज लोगों में पर्यावरण को लेकर सजगता बढ़ी है। लोगों ने कचरा बाहर फेंकने के बजाय कचरा गाड़ी में डालने के नियम का पालन किया है, और कर रहे है। सभी की एकता और अखंडता का ही कारण है जो आज भारत देश “स्वच्छ भारत – स्वस्थ भारत” की दिशाओं की तरफ अग्रसर है।
वास्तव में यह सब परिस्थितियां मानव ने स्वयं निर्मित की है। तात्कालिक लाभ के लिए मानव ने प्रकृति का मनमाने ढंग से हानि करके असंतुलित किया है।

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध 250 शब्दों में

(Environmental Pollution Essay in Hindi)

पर्यावरण प्रदूषण मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण।
प्रदूषण से मनुष्य में स्वांस रोग, टाइफाइड, डायरिया हैजा, डिसएबिलिटी, फेफड़े संबंधित बीमारियां, चिड़चिड़ापन, एलर्जी, आदि रोग उत्पन्न होते है।
पर्यावरण प्रदूषण की अनदेखी, किसी भी राष्ट्र के लिए बहुत ही हानिकारक सिद्ध हो सकती है। यही कारण है कि आज इस समस्या के समाधान के लिए सभी राष्ट्र बहुत प्रयत्न कर रहे हैं।
पर्यावरण के किसी भी एक अंग में बदलाव से, सभी घटक प्रभावित होते हैं। मृदा प्रदूषण कहीं ना कहीं जल को भी प्रभावित करता है। ठीक इसी तरह, यह सभी प्रदूषण पर्यावरण के सभी घटक को प्रभावित करते हैं।
जनसंख्या में वृद्धि, आज पर्यावरण प्रदूषण का एक बहुत बढ़ा कारण है। जनसंख्या में वृद्धि होने के साथ साथ सड़कों पर वाहनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है, जिससे की वायु और जल प्रदूषण भी बढ़े है।
मौसम में अचानक होने वाले बदलाव भी पर्यावरण प्रदूषण का ही कारण है। कभी बारिश, तो कभी धूप, कभी ठंड तो कभी गर्मी, ऐसा लगता है मानो प्रकृति हमसे नाराज़ हो गई हो।
प्रदूषण को रोकने के लिए यदि कोई सबसे असरकारक उपाय है, तो वह है वृक्षारोपण। ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाए जाएं। यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है ।
पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने “स्वच्छ भारत मिशन” की शुरुआत की। जो कि प्रदूषण की इस गंभीर समस्या को रोकने के लिए,एक बहुत ही ठोस कदम है। जहां लोग अपने घरों के बाहर कचरा फेंक दिया करते थे, वह रोज नियम अनुसार सुबह कचरा गाड़ी में कचरा डालते हैं।

प्रदूषण पर निबंध 100 शब्दों में

(Pollution Essay in Hindi) 
प्रदूषण एक अनावश्यक परिवर्तन है, जो वायु जल रासायनिक और जैविक गुणों पर गलत प्रभाव डाल कर उसको मनुष्य व अन्य प्राणियों के लिए हानिकारक बना डालता है।
प्रदूषण मुख्यतः दो प्रकार से होते हैं प्राकृतिक पर्यावरण प्रदूषण और एक सामाजिक पर्यावरण प्रदूषण। प्राकृतिक पर्यावरण प्रदूषण का अर्थ है प्रकृति के किसी भी घटक का मानव क्रियाओं कारण प्रदूषित होना। वहीं दूसरी ओर सामाजिक पर्यावरण मानव संबंधों को प्रकट करता है।
जैसे-जैसे समय के साथ हमने तकनीकी क्षेत्र में विकास किया है, उसी के साथ साथ प्रदूषण करने वाले कारक में भी वृद्धि हुई है।
हम अपने जीवन को आरामदायक बनाने के लिए प्रकृति के हर कार्य में दखलअंदाजी करते हैं। फिर जब वह प्रकृति अपना प्रकोप दिखाती है, तो हम एक असहाय शिकारी होने का दावा करते हैं। मगर सत्य तो ये है, कहीं इसका कारण हम मनुष्य ही है।
दोस्तों, उम्मीद है आपको हमारा यह लेख खूब पसंद आ रहा होगा और यह आपके लिए उपयोगी साबित होगा। आगे हमने वायु प्रदूषण पर विस्तार से जानकारी दी है जो आपको बहुत उपयोगी होगी और इससे आप वायु प्रदूषण पर निबंध भी लिख सकते है।

वायु प्रदूषण

प्रस्तावना:
वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसें एक निश्चित मात्रा में उपस्थित होती है,और जीवधारी अपनी क्रियाओं तथा सांस के द्वारा ऑक्सीजन और कार्बनडाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखते हैं। लेकिन आज मनुष्य अपनी भौतिक आवश्यकताओं के नाम पर, इन सभी गैसों के संतुलन को नष्ट कर रहा है।
वाहनों तथा कारखानों से निकलने वाला जहरीला धुआं, वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। वायु हमारे जीवन का मुख्य आधार है, वायु के बिना, मनुष्य एवं अन्य प्राणियों का जीवित रहना संभव है। शुद्ध हवा से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा और मन प्रसन्न होता है। वहीं दूसरी ओर प्रदूषित स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होती है।
वायु प्रदूषण के कारण:
  • वाहनों तथा कारखानों से निकलने वाला जहरीला धुआं वायु को प्रदूषित करता है, प्राणियों को सांस लेने में बाधा बनता है।
  • वृक्ष कार्बनडाइऑक्साइड लेकर हमें सांस लेने के लिए उपयुक्त ऑक्सीजन प्रदान करते है। वृक्षों की कटाई होने के कारण, पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का बनना वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है।
  • दिवाली पर बड़ी मात्रा में लोगों द्वारा पटाखे फोड़े जाते हैं। पटाखों से निकलने वाला जहरीला धुआं वायु को प्रदूषित करता है।
  • कारखानों की चिमनी से निकलने वाले धुएं में कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसे खतरनाक गैसे मौजूद होती है, जो वायुमंडल के लिए बहुत ही खतरनाक होती है।

प्रदूषण बचाव पर निबंध

(प्रदुषण को रोकने के उपाय हिंदी में निबंध)

जल प्रदूषण को दूर करने के लिए कारखानों से निकलने वाले रासायनिक पदार्थ एवं घरों से निकलने वाले गंदे पानी पर रोक लगा दी जाए। जल को शुद्ध रखने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का उपयोग किया जाए।
वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए इस प्रकार की तकनीकी विकसित की जाए, कि वाहन वाहन तथा कारखाने धुआं ना छोड़े, सब ऊर्जा से चलें।
ध्वनि प्रदूषण को दूर करने के लिए तेज आवाज करने वाले वाद्य यंत्रों पर रोक लगा दी जाए। इस प्रकार की तकनीकी विकसित की जाए, कि वाहन एवं अन्य तकनीकी मशीनें है आवाज ना करें।
मृदा प्रदूषण को दूर करने के लिए किसानों द्वारा फसल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए, किए जाने वाले रासायनिक एवं कीटनाशक दवाइयों के प्रयोग पर रोक लगा दी जाए । फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए जैविक खाद का उपयोग किया जाए।
पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने के लिए वृक्षारोपण एक असरकारक उपाय है। वृक्ष संपूर्ण पर्यावरण प्रदूषण के संरक्षण के लिए बहुत ही आवश्यक है।
प्रदूषण संरक्षण के बचाव के लिए सरकार का साथ देना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। पर्यावरण को लेकर, सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी एवं कर्तव्य है।
उम्मीद है आपको हमारा, प्रदूषण पर निबंध Essay On Pollution In 250 Words ब्लॉग पसंद आया होगा। इस लेख के द्वारा हमने आपको प्रदूषण से संबंधित सभी जानकारियों से रूबरू कराया है। आशा है, आपको आपके सभी प्रकार के सवालों का जवाब मिल गया होगा। अगर आपको हमारा ब्लॉग अच्छा लगा हो तो कमेंट करके जरूर बताएं।
आपकी प्रिय हिंदी भाषा में सभी प्रकार की जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारे पेज “हिंदी सहायता” को जरूर फॉलो करें।

आपको हमारा यह लेख कैसा लगा ?

Average rating 3.6 / 5. Vote count: 8

अब तक कोई रेटिंग नहीं! इस लेख को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

Editorial Team

एडिटोरियल टीम, हिंदी सहायता में कुछ व्यक्तियों का एक समूह है, जो विभिन्न विषयो पर लेख लिखते हैं। भारत के लाखों उपयोगकर्ताओं द्वारा भरोसा किया गया। Email के द्वारा संपर्क करें - contact@hindisahayta.in

Tags

Related

Leave a Comment