दुनियाभर में अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी को कौन नहीं जानता, उनकी छाप सिर्फ भारतीय नोटों पर ही नहीं बल्कि, हम सभी के दिलों में भी है। यहाँ तक कि जब भी किसी स्वतंत्रता सेनानी को याद किया जाता है तो सबसे पहले Mahatma Gandhi का नाम ही आता है। बचपन से ही हम स्कूल में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के बारे में पढ़ते आए है और यहाँ तक ही Schools या Colleges में भी Mahatma Gandhi Essay In Hindi अक्सर दिया जाता है।
Table of Contents
Gandhi Ji के बारे में हम सभी को पता होना चाहिए कि वो कौन थे, गांधी जी का जन्म कब हुआ था और उनके द्वारा चलाए गए आंदोलन कौन से थे। क्योंकि इनके बारे में पता होना सामान्य ज्ञान, किसी भी स्कूल या प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही जरुरी है। इसलिए इस लेख में आपको Mahatma Gandhi Essay के माध्यम से उनके जीवन परिचय एवं महत्वपूर्ण आंदोलन इत्यादि की जानकारी (Mahatma Gandhi In Hindi) प्रदान की गयी है।
Mahatma Gandhi Essay In Hindi
महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय – Essay On Mahatma Gandhi (300 Words)
About Mahatma Gandhi – महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात राज्य के काठियावाड़ जिले में स्थित पोरबंदर नाम के स्थान पर हुआ था। देश को स्वतंत्र करवाने में उनकी अहम भूमिका थी, जिसके चलते उन्हें राष्ट्रपिता के नाम से भी जाना जाता है। हर साल 2 अक्टूबर को पूरा भारत Mahatma Gandhi Ji का जन्मदिन मनाता है।
महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। मोहनदास अपने पिता की चौथी पत्नी की अंतिम संतान थे। उनके पिता ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत के दीवाने थे और उनकी माता एक धार्मिक महिला थी। गांधी जी पर उनकी माँ के संस्कारों का काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा था।
गांधी जी का विवाह
महात्मा गांधी जी का विवाह सन् 1883 में 13 साल की उम्र में कस्तूरबा से हुआ था और इनसे महात्मा गांधी को 4 पुत्र हुए थे जिनका नाम हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास था। कस्तूरबा गांधी ने हर आंदोलन में गांधी जी का साथ दिया था।
गांधी जी की शिक्षा
गाँधी जी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पोरबंदर से संपन्न की थी। 11 साल की उम्र में उन्होंने राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल में दाखिला लेकर, वहाँ से मैट्रिक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने सामलदास आर्ट्स कॉलेज से पढ़ाई की और वापिस पोरबंदर चले गए। आखिरी में Mahatma Gandhi Ji ने इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी यूसीएल फैकल्टी ऑफ़ लॉ में वकालत की पढ़ाई को संपन्न किया और वापिस भारत लौट आए।
महात्मा गांधी शिक्षा को “द ब्यूटीफुल ट्री” कहा करते थे, क्योंकि उनका मानना था कि शिक्षा सरकार की नहीं अपितु समाज द्वारा अधीन है। दुनियाभर का हर नागरिक शिक्षित हो यही गांधी जी की इच्छा थी।
महात्मा गांधी की मृत्यु
नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला भवन में गाँधी जी को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी, जिसके बाद बिड़ला भवन को गांधी स्मृति के नाम से जाना जाने लगा। बापू जी को हर वर्ष 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट में श्रद्धांजलि दी जाती है इसलिए इसे शहीद दिवस (Martyrs Day) के रूप में भी मनाया जाता है।
महात्मा गांधी पर निबंध (500 Words)
महात्मा गांधी का परिचय
महात्मा गांधी द्वारा किए गए आंदोलन
गांधी जी द्वारा भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद करवाने के लिए कई आंदोलन किए गए, जिन्हें लोगों द्वारा आज भी याद किया जाता है। महात्मा गांधी ने जब देखा कि भारत में अंग्रेजों की तानाशाही दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है तो उन्होंने उनके खिलाफ कई आंदोलन चलाये जैसे कि, चम्पारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, दलित सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन। आइये इस Mahatma Gandhi Per Nibandh के जरिये जानते है कुछ आंदोलन के बारे में।
चंपारण सत्याग्रह (1917)
बिहार के चंपारण जिले में 19 अप्रैल सन 1917 को किसानों की मदद करने के लिए चंपारण सत्याग्रह जैसे आंदोलन की शुरुआत की गई। ये आंदोलन करीब 1 साल तक चला। चंपारण जिले के किसान काफी परेशान रहते थे, क्योंकि उनसे जबरदस्ती नील की खेती करवाई जा रही थी। अंग्रेज व्यापारियों द्वारा किसानों को 3/20 भूमि पर निल की खेती करने के लिए बाध्य गया था और इसी कारण वो खेती नहीं कर पा रहे थे।
1916 में चंपारण के किसान राजकुमार शुक्ला और संत राऊत ने लखनऊ में जाकर गांधी जी को किसानों पर हो रहे इस अत्याचारों के बारे में बताया जिसके बाद गांधी जी ने चंपारण पहुँच कर किसानों के पक्ष में करीब 1 साल तक ये आंदोलन किया, जिसके बाद निल व्यापारी किसानों का 25 प्रतिशत पैसा देने के लिए तैयार हो गए।
खेड़ा सत्याग्रह (1918)
चंपारण सत्याग्रह के बाद खेड़ा जिले में भी 1918 ईस्वी में किसान आंदोलन किया गया। किसानो ने पूरे साल जो मेहनत करके फसल पैदा की थी वो बाढ़ और सूखे के कारण नष्ट हो गई, जिस वजह से किसानों की स्थिति बहुत ही खराब हो गई थी। किसान बार-बार कर माफ़ कर देने को कह रहे थे, पर अंग्रेजो द्वारा ये माफ़ नहीं किया जा रहा था और इसी के चलते किसानों को बंदी भी बना लिया गया।
धीरे-धीरे करके किसानों के पशुओं और उनकी फसलों को उनसे छीन लिया गया और ये देखकर भी किसानों की मदद करने के लिए कोई भी आगे नहीं आया, जिसके बाद महात्मा गांधी ने किसानों की मदद करने का फैसला किया। किसान अपनी मांग को लेकर जागरूक हुए और उन्होंने खेड़ा सत्याग्रह शुरू किया। इसके बाद अंग्रेजों ने किसानों का कर माफ़ किया और सारे बंदियो को रिहा कर दिया।
अहमदाबाद मिल मज़दूर आंदोलन (1918)
अहमदाबाद मिल मज़दूर आंदोलन 15 मार्च 1918 को शुरू किया गया था, जिसका अहम मकसद मिल मालिकों द्वारा बढ़े हुए ‘प्लेग बोनस’ को वापस लेना था। मिल कर्मचारियों को सन 1917 में अहमदाबाद में प्लेग की बीमारी फैलने के कारण प्लेग बोनस दिया जाता था, लेकिन सन 1918 में मिल मालिकों ने इस बोनस को समाप्त करने की घोषणा कर दी।
मिल मज़दूर इस बोनस को बरकरार रखना चाहते थे क्यूँकि बोनस की जो रकम थी, वो बढ़ी हुई महंगाई से काफी कम थी। ये देखते हुए मिल मज़दूरों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। जैसे ही इस बात का पता गांधी जी को चला तो उन्होंने मज़दूरों को 35% बोनस की मांग करने को कहा, यहाँ तक की इस आंदोलन में गांधी जी ने भूख हड़ताल तक की थी। कुछ समय बाद ये मामला एक ट्रिब्यूनल को सौंप दिया गया और सब कुछ देखने के बाद मिल मजदूरों को 35% बोनस देने की घोषणा कर दी गई।
खिलाफत आंदोलन (1919)
खिलाफत आंदोलन 1919 में शुरू किया गया था, क्योंकि खलीफा और तुर्क साम्राज्य पर कई तरह के अपमानजनक आरोप लगाए जा रहे थे। खिलाफत आंदोलन का अहम मकसद तुर्की के खलीफा पद की स्थापना करने के लिए अंग्रेजों पर दबाव बनाना था। भारत में इसका नेतृत्व All India Muslim Congress द्वारा किया गया था। मुस्लिम अपने खलिफा की सुरक्षा को लेकर डरने लगे और उन्होंने महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में ये आंदोलन शुरू किया।
गांधी जी ने 1919 में मुस्लिम समुदाय से संपर्क करके उन्हें ये आंदोलन शुरू करने में सहयोग किया। जैसे ही ये आंदोलन सफल हुआ तो महात्मा गांधी जी को कुछ ही समय में राष्ट्रीय नेता बना दिया गया।
असहयोग आंदोलन (1920)
‘जलियांवाला बाग हत्याकांड’ के बाद गांधी जी को लगा कि अंग्रेज अब भारतीयों पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने में सफल हो रहे है, जिसके बाद गांधी जी ने 1 अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन (Non-Cooperation Movement) शुरू करने का फैसला किया।
इस आंदोलन के दौरान विद्यार्थियों ने स्कूल, कॉलेज जाना बंद कर दिया, वकीलों को अदालत में आने के लिए मना कर दिया गया। धीरे-धीरे करके शहरों से गांव तक इस आंदोलन का असर दिखाई देने लगा। आंदोलन के दौरान किसानों के एक समूह ने गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) जिले के चौरी-चौरा में एक पुलिस स्टेशन को आग लगा दी, जिसके बाद इस हिंसा को देखते हुए गांधी जी ने ये आंदोलन वापस ले लिया।
भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
महात्मा गांधी ने अगस्त 1942 में अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की। इस आंदोलन ने भारत को आज़ादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी आंदोलन के तहत गाँधी जी ने “करो या मरो” का नारा भी दिया, जिससे भारत के लोग अंग्रेजों के प्रति आक्रोशित हो गए और इसके बाद British Government ने भारत को आज़ाद करने का फैसला किया।
Conclusion
तो दोस्तों आज कि इस पोस्ट में हमने आपको महात्मा गाँधी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बाते बताई जैसे कि Gandhi Ji Ka Janm Kab Hua Tha और Gandhi Ji Per Nibandh. आशा करते है कि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी पसंद आई होगी।
अगर आपको महात्मा गांधी पर निबंध पसंद आया हो तो, इसे अपने दोस्तों के साथ Share करना न भूले और अगर आपका इस पोस्ट को लेकर कोई भी सवाल है तो हमे Comment बॉक्स में जरूर बताएं, हमारी टीम आपके सवालों का जवाब जरूर देगी। इसी प्रकार के अन्य लेख के बारे में जानने के लिए बने रहिये हिंदी सहायता पर।
Mahatma Gandhi (FAQ)
महात्मा गांधी का जन्मदिन कब मनाया जाता है?
महात्मा गांधी का जन्मदिन हर वर्ष 2 अक्टूबर को विश्वभर में मनाया जाता है।
गांधी जी का जन्म कब हुआ था?
महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात राज्य के काठियावाड़ जिले में स्थित पोरबंदर नाम के स्थान पर हुआ।
महात्मा गांधी का पूरा नाम क्या है?
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है।
महात्मा गांधी जी को किसने मारा था?
नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला भवन में महात्मा गाँधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।