प्यार इस सृष्टि का आधार हैं। इस दुनिया का निर्माण प्यार से ही हुआ हैं। आज की दुनिया में लोग प्रेम को सही तरीके से नहीं समझते। आकर्षण को प्रेम कहते हैं और विवाह को प्रेम का आख़िरी पड़ाव मानते हैं। उसी आकर्षण में कई बार गलत कदम उठाते हैं।
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यही सब भ्रांति को तोड़ेगा यह लेख। Pyar Kya Hai Hindi Me, What is Pyar in Hindi और Pyar Ki Jankari Hindi Main पाने के लिए इस पेज को पूरा पढ़ें।
Pyar Kya Hai
जब किसी व्यक्ति के मनोविकार और मनोभाव किसी दूसरे व्यक्ति से जुड़ जाते हैं तब हम कहते हैं वह व्यक्ति प्यार में हैं। उसे वही भावना होती हैं जो दूसरे व्यक्ति को होती हैं। जैसे उदाहरण के लिए कोई माँ अपने पुत्र को प्रेम करती हैं तो पुत्र की खुशी में उसकी खुशी और पुत्र के दुख में उसका दुख होता हैं। उसकी संतान की भावनाएँ उसकी निजी भावनाएँ हो जाती हैं और वह स्वयं की भावनाएँ भूल जाती हैं इसलिए पुत्र के सुख के लिए वह मुश्किलों की पराकाष्ठा तक पार कर जाती हैं।
Pyar Ki Paribhasha
प्रेम की परिभाषा हैं कि जब कोई व्यक्ति किसी और व्यक्ति के अंतर से जुड़ जाता हैं, जैसे की उस दूसरे व्यक्ति के सारे उमंग और भावनाओं की अनुभूति उस व्यक्ति को होती है तो उसे प्रेम कहते हैं। वैज्ञानिक तौर पर कहे तो जब किसी इंसान को किसी विशिष्ट व्यक्ति को देखकर आनंद की अनुभूति होती हैं तो उसके मस्तिष्क में दोपामाइन नाम के एक रसायन की मुक्ति होती हैं जिससे वो खुशी महसूस करता हैं। इसी को प्यार कहते हैं। यही प्यार का मतलब होता हैं कि दो व्यक्ति के मन जुड़ जाते हैं और वे दोनों एक दूसरे की प्रगति और खुशी की कामना करते हैं।
Pyar Ki Jankari
ज़्यादातर लोग आकर्षण और प्रेम में उलझे रहते हैं। और आकर्षण को प्रेम समझ लेते हैं। सत्य तो यह हैं कि सच्चे प्रेम में कोई उलझने होती ही नहीं हैं। सच्चा प्यार क्या होता है? सच्चा प्रेम समर्पण हैं। अपने प्रेमी के प्रति अटूट, अद्वितीय और पूर्ण समर्पण। दोनों प्रेमियों के बीच ऐसा गहरा संबंध जो एक-दूसरे की मौजूदगी से परे हो।
प्रेम का मानसिक प्रभाव यह होता हैं कि हमारी सोच को सही दिशा मिलती हैं। हमें अनावश्यक विचार नहीं आते हैं। प्रेम से मन में करुणा आती हैं। हम भय-मुक्त हो जाते हैं। और जब मानसिक तौर पर हम स्वस्थ रहते हैं तो हमारा शारीरिक स्वास्थ्य भी अच्छा होने लगता हैं। हम अपने शरीर के प्रति सजग हो जाते हैं। उसे अच्छा बनाने के लिए कदम उठाते हैं।
प्यार होना स्वयं एक फायदा हैं। प्रेम की वजह से हम अपने कार्य में अपना ध्यान आसानी से केन्द्रित कर लेते हैं। और तो और हम कर्मशील बन जाते हैं जो कि एक इंसान की सबसे बड़ी उपलब्धि कही जा सकती हैं। प्रेम हमेशा उन्नति देता हैं। प्रेम के कोई नुकसान या गलत प्रभाव नहीं हैं।
Conclusion
प्रेम का कोई विकल्प नहीं हैं। कोई कितना भी कठोर क्यों न हो उसे सच्चे प्रेम से पिघलाया जा सकता हैं। हमें प्रेम और मोह के बीच के अंतर को समझना चाहिए। इसी अंतर को न समझने के कारण आज हमारे देश के कई युवा गलत दिशा पर हैं। हमें आशा हैं कि आपने इस लेख में प्यार क्या हैं और उसका सही अर्थ क्या होता है? (What is the Love in Hindi) यह जाना होगा और एक नए विचार के साथ आप यहाँ से जा रहे होंगे।