जल, मनुष्य को प्रकृति द्वारा दिया गया एक अनमोल तोहफा है। बिना जल के हम एक दिन भी नहीं काट सकते। आप में से कई लोगों ने पानी की समस्या को झेला होगा। वे लोग इस बात को बेहतर समझेंगे की जल कितना आवश्यक है और हमारे लिए इसे बचाये रखना भी कितना ज़रूरी है। आज का हमारा लेख जल संरक्षण पर निबंध इसी विषय पर है – जल संरक्षण और साथ ही जल संरक्षण का महत्व, जल संरक्षण की विधियाँ और जल संरक्षण के उपाय करना बहुत ही जरुरी है। जल संरक्षण पर स्लोगन और जल संरक्षण पर कविता, इन सब की जानकारी भी आपको यहाँ मिलेगी।
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भविष्य में जल की कमी को देखते हुए इसे सुलझाने के लिये जल संरक्षण पर अधिक जोर दिया जा रहा है। भारत ही नहीं अपितु दुनिया के दूसरे देशों में जल की भारी कमी देखी जा सकती है जिनमें से कई देश तो ऐसे है जहां के आम लोगों को पीने के पानी के लिये काफी मशक्क्त एवं लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।
वहीं दूसरी ओर, जहां पर जल के पर्याप्त स्त्रोत उपलब्ध है वे अपने दैनिक जरुरतों से ज्यादा पानी बर्बाद कर रहें है। इसलिए हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझना चाहिये एवं जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए।
तो दोस्तों, अगर आप जल संरक्षण पर निबंध या जल संरक्षण के महत्व या जल संरक्षण के तरीको के बारे में जानना चाहते है, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए है। हमने जल संरक्षण पर भाषण और जल संरक्षण पर स्लोगन और कविता भी इस लेख में दिए है। आप चाहे तो इस जल संरक्षण पर निबंध PDF में भी बना सकते है। अगर आप जल संरक्षण के बारे में और अधिक जानना चाहते है और इससे कुछ सीखना चाहते है, तो हमारे इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़िए।
जल संरक्षण का अर्थ
(Jal Sanrakshan Kise Kahate Hai)
आप सभी ये तो जानते ही होंगे की पानी की मात्रा अब धीरे-धीरे कम होते जा रही है, और हमे पानी को बचाने की ज़रूरत है।
जल के इस्तेमाल को काम करने, उसे प्रदूषित होने से बचाने और कृषि और निर्माण के कार्यो के लिए उसे पुनः चक्रित करने की प्रक्रिया को जल संरक्षण कहते है।
इस प्रक्रिया में हम जल को जमा करते है और उसे रीसायकल करके पुनः इस्तेमाल करते है। इससे हम जल के उपयोग को 40% तक कम कर सकते है। जल संरक्षण निबंध 3000 शब्द प्राप्त करने के लिए पूरा लेख जरूर पढ़े।
जल संरक्षण पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Save Water in Hindi)
जल संरक्षण पर निबंध 250 शब्द
(Jal Sanrakshan Par Nibandh / Water Conservation Essay In Hindi)
माना जाता है कि आज से 3.7 अरबो साल पहले, पृथ्वी ठंडी हुयी थी, जिससे महासागरों का निर्माण हुआ था। यहीं से जल का सिलसिला शुरू हुआ था और तब से ले कर अब तक, जल कई जीवित प्राणियों के जीवन का आधार बना हुआ है।
पृथ्वी का 70% भाग पानी से घिरा हुआ है, पर इसका सिर्फ 3% भाग ही हमारे इस्तेमाल करने लायक है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, हमे पानी को बहुत ही सोच समझ कर इस्तेमाल करना चाहिए, और इसे बर्बाद होने से रोकना चाहिए।
पानी हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके बिना हमारा काम बिलकुल ही नहीं चल सकेगा। पुरे दिन में हम न जाने कितनी बार पानी का इस्तेमाल करते है, कितने ही भिन्न भिन्न कामो के लिए। प्यास बुझाने से लेकर अनाज उगाने तक, हर काम में पानी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हमारी इतने सालो की लापरवाही की वजह से आज हमारा सबसे मूल्यवान संसाधन खत्म होने की कगार पर है। पृथ्वी पर पानी का स्तर दिन-ब-दिन घटते जा रहा है, और इसका सबसे बड़ा कारण है हमारे ही द्वारा किया गया पानी का दुरुपयोग।
हमारी रोज की दिनचर्या में हम कितना पानी बर्बाद करते है। हम खेती करने के लिए हर ज़रूरी चीज़ो का इस्तेमाल करते है, जैसे कीटनाशक, रासायनिक उर्वरक आदि। पर हम ये भूल जाते है कि इन चीज़ो के प्रयोग से जल प्रदूषित हो रहा है।
अब वक़्त आ गया है कि हम अपनी गलतियों को सुधारे और अपने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में सोचे। अगर हमने आज कुछ सख्त कदम नहीं उठाये, अपनी आदतों को नहीं बदला, तब आगे चल कर हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
इसलिए, अब हम सभी को आगे आकर जल का संरक्षण करना पड़ेगा और ये तभी होगा जब हम जल के महत्व को समझेंगे और इससे जुड़ी कई और महत्वपूर्ण बातों को भी जानेंगे।
तो अगर आप जल संरक्षण के महत्व के बारे में या इसे संरक्षित करने के तरीको के बारे में भी जानना चाहते है, तो हमारे अगले निबंध को भी ज़रूर पढ़े और इससे शिक्षा लेकर जल को बचाये, क्योंकि “जल ही जीवन है।
जल संरक्षण पर निबंध हिंदी में (300 शब्द)
मानव जीवन की तीन मूलभूत अवश्यकताओं में जल सबसे प्रमुख है। जल ही जीवन है और धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल का संरक्षण और उसके बचाव करना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि बिना जल के जीवन बिलकुल भी संभव नहीं है। पूरे ब्रह्माण्ड में केवल धरती ही एक मात्रा ऐसा गृह है जहां जल और जीवन मौजूद है।
मनुष्य जीवन में पानी की आवश्यकता को देखते हुए है भविष्य में जल को बचाने के लिये हम सब को मिलकर जल संरक्षण करना होगा। अगर भविष्य में जल की कमी को अभी से गम्भीरता से नहीं लिया गया, तो आगे चलकर जल की पूरी दुनिया में भारी कमी की समस्या हो सकती है।
भारत में राजस्थान ऐसा राज्य है जहां पर यह सुना जाता है कि वहां की अधिकतर लड़कियाँ स्कूल नहीं जा पाती, क्योंकि उन्हें पानी लाने के लिये काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है जिससे उनका पूरा दिन खराब हो जाता है तथा इसलिये उन्हें किसी अन्य काम के लिये समय ही नहीं मिलता।
भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसकी लगभग 60% अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर करती है। सूखा, कम उपज की कीमतें, बिचौलियों द्वारा शोषण और ऋण का भुगतान करने में असमर्थता इत्यादि कारणों से कई भारतीय किसानों द्वारा आत्महत्या की जाती है।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्डस् ब्यूरो के सर्वेक्षण के रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 16,632 किसान (2,369 महिलाएँ) आत्महत्या के द्वारा अपने जीवन को समाप्त कर चुकें है, हालांकि जिनमें से 14.4% मामले सूखे के कारण घटित हुए है।
जल संरक्षण का महत्व और आवश्यकता
(Jal Sanrakshan Ka Mahatva aur Avashyakta)
ये तो हम सब मानते है की जल हमारे सबसे बहुमूल्य संसाधनों में एक है। आश्चर्य की बात तो ये है कि इतना बहुमूल्य होने के बावजूद हम लोग पानी के नल को खुला छोड देने से नहीं डरते, इसे बर्बाद करने से नहीं डरते।
हम अपनी हर छोटी बड़ी चीज़ो को बचाते है पर इतनी बड़ी और सीमित चीज़ को बचाने का ख्याल हमारे मन में क्यों नहीं आता? जल को संरक्षित करना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है।
अभी हम इसके महत्व को नहीं समझ रहे है पर बाद में जब ये ख़तम हो जायेगा, तब हम समझ कर भी कुछ कर नहीं सकेंगे। तो सबसे पहले आपको जल संरक्षण के महत्व या जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जानना होगा।
सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण है कि जल के बिना हम जी नहीं सकेंगे। वो कहते है ना- “जल ही जीवन है”। हमारे Ecosystem को बचाने के लिए हमे जल को प्रदूषित होने से बचाना पड़ेगा।
कितने ही जलीय जानवरों के लिए प्रदूषित जल में रहना हानिकारक साबित हो रहा है। कितने ही जानवर इस वजह से विलुप्त होते जा रहे है। तो इन जानवरो को बचाने के लिए हमे जल को बचाने और उसे साफ़ रखने की ज़रूरत है।
जल साफ़ रहेगा तो प्रकृति भी सुरक्षित रहेगी। जल के संरक्षण से energy की भी बचत होती।
अगर हम अभी प्राकृतिक तरीके से जल के खपत को कम कर देंगे और जलाशयों को साफ़ रखेंगे, तो हमे भविष्य में पैसे खर्च कर के जल पीने और बचाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
तो अब आप समझ गए होंगे कि जल संरक्षित करना क्यों आवश्यक है और जल संरक्षण का महत्व क्या है।
भारत में जल संरक्षण की विधियाँ / तरीके
(Water Conservation Methods/Techniques In India)
जल हमारे जीवन का एक बहुमूल्य हिस्सा है, जो हमारे जीवन जीने में हमारी मदद करता है। लेकिन कुछ वर्षो से, जल की सीमा कम होती जा रही है और अगर ऐसा ही चलता रहा, तो वो दिन दूर नहीं जब पृथ्वी पर जल की मात्रा बिलकुल ही शुन्य हो जाएगी।
इससे पहले की ऐसा कुछ हो, हमे इससे बचने के उपाय ढूंढ़ने होंगे और इसे संरक्षित करना होगा, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को जल के लिए तड़पना ना पड़े।
भारत में, जल संरक्षण के कई आधुनिक और नवीन तरीको का इस्तेमाल किया जाता है। इन तरीको के इस्तेमाल से पानी की बचत भी की जाती है और साथ ही नमकीन पानी को पीने वाले मीठे जल में भी परिवर्तित किया जाता है।
आइये हम आपको जल संरक्षण की आधुनिक विधियों से रुबरु कराते है, जिससे हम जल को संरक्षित कर सकते है।
यह जल संचयन का सबसे आसान, प्रभावशाली और बहुत ही किफायती तरीका है, जो विशेष कर बड़े-बड़े मकानो के छतों पर किया जाता है। यह तरीका अपनाने से उस क्षेत्र के भूजल स्तर में भी वृद्धि होती है।
इस प्रणाली का इस्तेमाल बारिश के पानी को इकठ्ठा करने के लिए किया जाता है। इस प्रणाली में वर्षा के पानी को छत की टंकी में जमा किया जाता और इसे Artificial Recharge System में मोड़ दिया जाता है, जहाँ से इसे बाद में इस्तेमाल किया जा सके।
इस प्रणाली के उपयोग से पानी की खपत को 40% कम किया जा सकता है और साथ ही, सड़क पर पानी और मिटटी के बहाव को रोका जा सकता है।
यह टंकी, महंगे संचयन तरीको के विकल्प में, एक सस्ता और किफायती तरीका है, जो कि सिर्फ प्लास्टिक और चिनाई से बनता है। यह उच्च वर्षा वाले क्षेत्रों में बहुत प्रभावी साबित हुआ है, जहाँ अधिक पानी संग्रहित करने की ज़रूरत पड़ती है।
वर्षा का जल इन टंकियों में जमा होता है, जिससे खेतो में पानी जमने की परेशानी से बचा जा सकता है और इस पानी को बाद में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ये प्रणाली किसानो और मजदूरों द्वारा आराम से अपनायी जा सकती है।
तो दोस्तों, इन तकनीकों को अपना कर हम जल को संरक्षित करने में मदद कर सकते है। आप भी अपने घरो के छतों पर Rooftop Rainwater Harvesting तकनीक का इस्तेमाल कर सकते है।
जल संरक्षण के उपाय।
(Jal Sanrakshan Ke Upay)
हम सभी जानते है कि ” जल ही जीवन है” और ‘जल है तो कल है”।
पर पता नहीं क्यों, ये जानते हुए भी हम इसे सुरक्षित रखने के लिए कुछ करते नहीं है। अपनी ज़रूरत के अनुसार बस इसका हद से ज़्यादा उपयोग करते ही जाते है।
हम ये क्यों नहीं सोचते कि अगर पानी ख़त्म हो गया तब हम क्या करेंगे? तब अपनी प्यास कैसे बुझाएंगे? तब अनाज कैसे उगाएंगे? ये तो सोचने वाली बात है ना?
चलिए अभी तक नहीं सोचा है तो अब सोच लीजिये। वो कहते है ना “जब आँख खुले तब सवेरा”, तो बस उसी तरह अब जब आप पानी के महत्व को समझ गए है, तो इसे बचाया कैसे जाये इस बारे में सोचिये।
तो सबसे पहले हम अपने घर से शुरुवात करते है। जैसे हर नए काम की शुरुआत घर से ही होती है, वैसे ही पानी की बचत भी सबसे पहले हमे घर में ही करनी पड़ेगी। इसके लिए रोज के पानी के खपत को हमे कम करना पड़ेगा, जब ज़रूरत ना हो तो नल बंद है, ये ध्यान में रखना पड़ेगा, तालाबों पर जा कर अपने घरेलु कामो की वजह से जो हम उसे दूषित करते है, उसे बंद करना होगा।
घर के बाद अब हम बाहर निकलते है। आज, बढ़ती आबादी के साथ कचरे के ढेर भी बढ़ते जा रहे है, और ये सारे कचरे घुम फिर के जल निकायों में ही जमा होते है। हमे यहाँ ये करना होगा कि हम अपने कचरे जल स्रोतों में नहीं फेकें। जो भी कचरे है उसे सही तरह से निपटाने की ज़रूरत है।
सिचाईं के तरीकों में हमे बदलाव लाना होगा। हमे सिचाईं के आधुनिक तरीको को अपनाने की ज़रूरत है। इससे 50% पानी की बचत होगी। साथ ही खेती में इस्तेमाल किये जाने वाले कीटनाशकों का प्रयोग कम करना होगा। तभी कुल मिला कर हम जल में हो रहे प्रदूषण को कम कर सकेंगे।
हम जितना कम जल प्रदूषित करेंगे, उतना ही जल हमारे लिए संरक्षित होता जायेगा। ये कुछ उपाय है जो आप अपनी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में करके जल का संरक्षण कर सकेंगे। हर इंसान अगर अपने हिस्से का काम करने लगे तो बहुत बदलाव आ सकेगा।
जल संरक्षण स्लोगन हिंदी में।
(Water Conservation In Hindi Slogan)










जल संरक्षण पर भाषण
(Jal Sanrakshan Hindi Speech)
माननीय प्रिंसिपल, आदरणीय शिक्षक और मेरे सभी प्रिय मित्रो – मैं आप सभी का आज के इस कार्यक्रम में स्वागत करता हूँ।
आज हम सब यहाँ जमा हुए है, तो अगर यहाँ मौजूद मेरे अध्यापको की अनुमति हो, तो मैं आप सभी के सामने कुछ कहना चाहता हूँ। मैं जिस विषय पर बात करने जा रहा हूँ, यह बहुत ही चिंतन करने वाली बात है।
हम सभी जानते है कि हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आधार जल है। जल के बिना हमारा जीवन संभव नहीं हो सकता। हम सारे दिन में कितनी ही बार, कितने ही कामो के लिए पानी का इस्तेमाल करते है। पर क्या आपने कभी ये सोचा है कि अगर ये पानी हमे न मिले, तो क्या होगा? अगर किसी दिन अचानक पानी का सप्लाई बंद हो जाये, तो हमारा काम कैसे चलेगा?
ये एक बहुत ही सोचने वाली बात है, वो अलग बात है कि हम हर छोटी छोटी बात के बारे में तो सोचते है, पर इस गंभीर बात को नज़रअंदाज़ कर देते है। लेकिन जल हमारे जीवन का आधार है और इसके बिना हम जीवित ही नहीं रह सकते।
जो चीज़ हमारे लिए इतनी मूल्यवान है, उसकी रक्षा करने की ज़िम्मेदारी भी तो हमारी ही बनती है न? ये हमारा कर्त्तव्य है की हम पानी को बर्बाद होने से रोके, उसका सदुपयोग करे। कल की समस्या को रोकने के लिए हमे आज से मेहनत करनी पड़ेगी।
इसी बात पर मैं आप सभी से ये गुज़ारिश करता हूँ कि आप सभी अपने अपने हिस्से का काम करें और जितना हो सके पानी बचाएँ, ताकि इसका भुगतान हमे ही आगे चल के न करना पड़े।
आप सभी ने मेरी बातों को धैर्यतापूर्वक सुना इसके लिए शुक्रिया।आप सभी का दिन मंगलमय हो।
धन्यवाद।
जल संरक्षण पर कविता
(Poem On Water Conservation)
जल ही जीवन है, इसे ना यु बर्बाद करो।
इतनी सी ये बात है, इसे समझने की तो कोशिश करो।
आज जो ख़तम हो गया पानी,
तो कल क्या करोगे?
आज जी भर पी लोगे पानी,
तो क्या कल से प्यासे रह पाओगे?
अब जो नहीं समझोगे जल की कीमत।
तो कल बहुत पछताओगे।
शायद तुम्हे न हो तकलीफ जल की,
तुम्हारी पीढ़िया ज़रूर भुगतेगी कल की।
अब भी वक़्त है संभल जाओ,
खुद को तैयार करो और आजाओ,
मिल कर बचत करे जल की।
तो दोस्तों, उम्मीद है आपको आज का ये लेख पसंद आया होगा और आप इससे कुछ न कुछ शिक्षा ज़रूर लेंगे और अपने जीवन में इसका इस्तेमाल करेंगे। अगर आपको ये लेख अच्छा लगा तो इसे अपने मित्रो के साथ Share करें और अपने विचार या कोई सवाल हमें Comment में लिख के बताएं।