यदि आप Secondary Storage Devices In Hindi जानकारी पाना चाहते है तो आपको बता दें कि सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस नॉन-वोलेटाइल व लॉन्ग टर्म स्टोरेज होती है। यह कंप्यूटर का स्थायी डिवाइस होता है। सेकेंडरी स्टोरेज के बिना कंप्यूटर के बंद होते ही सभी प्रोग्राम और डेटा नष्ट हो जाएगा। सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस को Auxiliary Storage Device, बैकअप स्टोरेज डिवाइस, टियर 2 स्टोरेज या बाहरी स्टोरेज के रूप में भी जाना जाता है।
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यदि आप Secondary Storage Device in Hindi पूर्ण जानकारी पाना चाहते है तो इस लेख को अंत तक पढ़े, इसमें आपको आपके सभी सवाल जैसे- Secondary Storage Device Ke Bare Mein Vistar Se Samjhaie जानने को मिलेंगे।
Storage Device Kya Hai
Storage Device एक प्रकार का कंप्यूटिंग हार्डवेयर है जिसका उपयोग डेटा फ़ाइलों और ऑब्जेक्ट्स को स्टोर करने, पोर्ट करने या निकालने के लिए किया जाता है। स्टोरेज डिवाइस में अस्थायी और स्थायी दोनों तरह से जानकारी को होल्ड और स्टोर कर सकते है।
यह कंप्यूटर, सर्वर या कंप्यूटिंग डिवाइस के अंदर या बाहरी हो सकते हैं। स्टोरेज डिवाइस किसी भी कंप्यूटर या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में जुड़ा हुआ एक हार्डवेयर डिवाइस होता है। जो कि आपके डाटा या इनफार्मेशन को स्टोर करने का काम करता है, जैसे- सॉफ्टवेयर प्रोग्राम, डाक्यूमेंट्स, फोटोग्राफ, वीडियो, ऑडियो आदि।
स्टोरेज डिवाइस का उपयोग डेटा को डिजिटल रूप से स्टोर करके रखने के लिए किया जाता है। Storage डिवाइस में डाटा को स्थायी और अस्थायी रूप से स्टोर करके आसानी से रख सकते है। स्टोरेज डिवाइस दो प्रकार के होते है:
- प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस (Primary Storage Device)
- सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस (Secondary Storage Device)
अगर आप Storage Devices in Hindi में और अधिक जानकारी पाना चाहते है तो हमारी पोस्ट स्टोरेज डिवाइस क्या है (What is Secondary Storage Device in Hindi) को अंत तक ज़रूर पढ़े।
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Secondary Storage Device In Hindi
Secondary Storage Device के पास ज्यादा से ज्यादा डाटा को स्टोर करने की क्षमता होती हैं। और साथ ही यह किसी भी डाटा को स्थायी रूप से स्टोर करती है। यह स्टोरेज डिवाइस कंप्यूटर के अंदर या बाहर दोनों तरफ मौजूद होते है। यह कंप्यूटर की Permanent Memory होती है जिसमे डाटा और इनफार्मेशन स्थायी रूप से रहती है।
सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस को ऑक्जिलरी स्टोरेज डिवाइस भी कहा जाता है। यह Internal और External रूप से डाटा को स्टोर करके रखते है जैसे- हार्ड डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव और यूएसबी स्टोरेज डिवाइस आदि। इसमे डाटा की स्टोरेज को घटा-बढ़ा भी सकते है। इन स्टोरेज डिवाइस में डाटा को एक्सेस करने की गति प्राइमरी स्टोरेज से धीमी होती है।
Primary Storage Device In Hindi
Primary Storage Device को अस्थायी रूप से डाटा स्टोर करके रखने के लिये इस्तेमाल किया जाता है। यह साइज में बहुत ही छोटे होते है। जिस कारण यह कंप्यूटर की आंतरिक भाग मे मौजूद होते है। इसमें RAM और Cache Memory शामिल होती है।
प्राइमरी स्टोरेज मेमोरी को हम वोलेटाइल भी कहते है। प्राइमरी स्टोरेज का मतलब कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी से होता है जिसमे कंप्यूटर में स्टोर डाटा को तेजी से एक्सेस किया जा सकता है। प्राइमरी स्टोरेज दो तरह की होती है RAM और ROM.
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Types Of Secondary Storage Devices
सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस कई प्रकार के होते हैं। उनमें से कुछ के प्रकार हम आपको बताने जा रहे है जो निम्नलिखित है:
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Hard Disk
Hard disk एक नॉन वोलेटाइल मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस है, जिसका उपयोग कंप्यूटर में डाटा को स्टोर करने लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल कंप्यूटर पर डाटा को स्थायी रूप से संगृहीत और पुनर्प्राप्त (retrieve) करने और बैकअप को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
इसका उपयोग सॉफ्टवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम और फाइल आदि हार्ड डिस्क में रखने के लिए किया जाता है। अगर आपने ध्यान दिया होगा तो कंप्यूटर में Hard Drive का Division अलग से होता है जिसे Local Disk C के नाम से दिया गया होता है। इसमें कंप्यूटर की पूरी ऑपरेटिंग सिस्टम, सॉफ्टवेयर, ड्राइव्स आदि संगृहीत रहते है।
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CD Drive
इसका पूरा नाम Compact Disk है इसका उपयोग डाटा को ऑप्टिकल किरणों यानि लेज़र लाइट के जरिये डालने के लिए किया जाता है। आप एक स्टैण्डर्ड CD में 700 MB तक का डाटा स्टोर कर सकते है।
CD में डाटा को डॉट के फॉर्म में Save किया जाता है। CD Drive में लगा सेंसर CD के डॉट से रिफ्लेक्ट लाइट को पढ़ता है और हमारी डिवाइस में Image को Create करता है।
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DVD Drive
इसका पूरा नाम Digital Versatile Disk है। सिंगल साइड लेयर में इसकी क्षमता 4.7 GB है जबकि सिंगल साइड डबल लेयर में इसकी क्षमता 8.5GB होती है। डबल लेयर सिंगल साइड में इसकी क्षमता 9.4 GB होती है तथा डबल लेयर डबल साइड में इसकी क्षमता 17.08 GB होती है।
इसमे आप CD से ज्यादा डाटा Save कर सकते है। इस डिस्क का उपयोग संगृहीत डाटा को बाद में Execute या Retrieve करने के लिए किया जाता हैं। इस में आप म्यूजिक और ऑडियो फाइल्स भी स्टोर कर सकते है।
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Blue Ray Disk
यह एक आप्टिकल स्टोरेज मीडिया है इसका उपयोग हम बढ़िया क्वालिटी की वीडियोस और File को देखने के लिए करते है। इसमे आप 128GB तक के डाटा को आप आसानी से स्टोर कर सकते है, यह CD और DVD के समान ही डिवाइस है। इसमे Disk पढ़ने वाले डिवाइस से Blue Color की लेज़र निकलती है।
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Floppy Disk
यह कंप्यूटर में डाटा डालने और उसे सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया सबसे पहला डिवाइस है। परन्तु इसमे बहुत कम कैपेसिटी में ही डाटा को स्टोर किया जा सकता है। Floppy Disk में सारा डाटा गोलाकार चुम्बकीय प्लेट में स्टोर होता है और यहीं से Floppy सारी जानकारी को लेकर पढ़ती और दिखाती है।
यह प्लास्टिक की छोटी सी Audio कैसेट Tap होती है जिस पर धातु की परत चढ़ी होती है और इसमे स्टोर डाटा को सिर्फ Floppy Disk Drive में ही दिखा और पढ़ा जा सकता है। CD आने के बाद से इसका उपयोग बहुत कम हो गया क्योंकि इसमे CD से कम मात्रा में डाटा स्टोर होता था।
Conclusion
तो यह थी Secondary Storage Device Ke Bare Mein जानकारी जिसमें हमने आपको Secondary Storage Device Kya Hai व इसके प्रकार क्या होते है? इस बारे में बताया। उम्मीद करते है आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी और आपको आपके सवाल, सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस के बारे में विस्तार से समझाइए? यह भी अच्छे से समझ में आ गया होगा। फिर भी यदि Storage Device Kya Hai in Hindi से संबंधित आपके कोई प्रश्न या सुझाव हो तो आप हमे Comment करके बता सकते है।
हमने इस लेख में आपको आपके प्रश्न ‘Explain Secondary Storage Devices in Detail in Hindi’ बहुत ही आसान भाषा में बताने की कोशिश की है। पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अन्य लोगों के साथ भी साथ करें।