आप सभी ने सोलर पैनल के बारे में तो जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते है कि Solar Panel Kya Hota Hai और Solar Panel Kaise Kam Karta Hai? यह सभी जानकारी हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से देंगे। सोलर पैनल जिसे फोटोवोल्टिक सेलों के रूप में भी जाना जाता है, सौर सेलों अर्थात बैटरियों का एक संकुलित परस्पर संबद्ध संयोजन है। सोलर पैनल छोटे-छोटे सेल्स से मिलकर बना होता है जिस पर सूरज की रोशनी पड़ती है तो यह उन सेल्स की मदद से उस लाइट को इलेक्ट्रिक करंट या बिजली के रूप में बदल देते है।
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आज बिजली का महत्व इतना ज्यादा बढ़ गया है कि हम अपने सभी काम के लिए बिजली पर ही निर्भर रहते है। ऊर्जा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर बिजली बनाई जा रही है। जिसमें बहुत सारी तकनीक का प्रयोग किया जाने लगा है। सोलर पैनल भी उन्हीं में से एक तकनीक है। वर्तमान के इनका प्रयोग छोटे व बड़े दोनों स्तर पर किया जा रहा है क्योंकि इनका इस्तेमाल करने के लिए हमे किसी जनरेटर या बिजली की आवश्यकता नहीं होती। इसके अलावा इससे प्रदुषण भी नहीं होता।
यदि आप भी अपने घर में इसका प्रयोग करना चाहते है तो इसके लिए आपको Solar Panel Ke Baare Mein Jankari प्राप्त कर लेना चाहिए, इस पोस्ट में हम आपको सोलर पैनल क्या है (Solar Panel In Hindi) और यह कैसे कार्य करता है? आदि पूरी Solar Panel Details In Hindi में देने जा रहे है बस लेख को शुरू से अंत तक ज़रुर पढ़े।
Solar Panel Kya Hai
यह एक तरह का उपकरण होता है जो सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है। मतलब सूरज से आने वाली किरणों को सोंकता है। इन किरणों को सोंकने के बाद यह उसे बिजली में या गर्मी में बदल देता है। सोलर पैनल सोलर सेल से बने होते है। वर्तमान में बहुत सी जगह पर इन सोलर पैनल का प्रयोग किया जा रहा है। Solar Panel की बैटरी को 10 साल में बदलना होता है। एक किलोवाट के पैनल द्वारा घर में बिजली की सामान्य जरूरत को पूरा किया जा सकता है।
क्या आप जानते है कि Solar Panel Ki Khoj Kisne Ki थी? तो आपके बता दें कि, एलेक्सजेंडर एडमंड बैकेलल ने 1839 में एक ऐसे इफ़ेक्ट के बारे में खोज की, जिसमें उन्होंने यह जाना कि किस तरह से सूरज की रोशनी से बिजली का निर्माण किया सकता है जिसे फोटोवोल्टिक इफ़ेक्ट कहा जाता है।
Solar Panel Kaise Kaam Karta Hai
सेमीकंडक्टर का मतलब होता है आधा कंडक्टर या सिलिकॉन सेमीकंडक्टर है। सिलिकॉन 2 तरह की प्रॉपर्टी को प्रदर्शित करता है कंडक्टर और इंसुलेटर। सेमीकंडक्टर अपना आधा भाग कंडक्ट और आधा भाग इन्सुलेट कर देता है। कंडक्टर वह होता है जिसके अंदर से बिजली निकलती है। किसी भी तरह की धातु के तार को कंडक्टर कहते है और अगर लकड़ी की किसी चीज से इलेक्ट्रिकल तार को कनेक्ट किया जाता है तो इसे इन्सुलेट करना कहते है। जिसके अंदर से इलेक्ट्रिसिटी नहीं गुजरेगी।
सेमीकंडक्टर इंसुलेटर का भी काम करता है और कंडक्टर का भी काम करता है। सेमीकंडक्टर की सिलिकॉन दो तरह की होती है पॉजिटिव और नेगेटिव। इन दोनों को एक साथ एकत्रित करते है और दोनों पर सूर्य का प्रकाश डाला जाता है। प्रोटोन पॉजिटिव सेमीकंडक्टर से नेगेटिव सेमीकंडक्टर की ओर जाते है। जब प्रोटोन यह काम करते है तो इसे ही इलेक्ट्रिकल करंट कहते है।
सूर्य के प्रकाश से बारीक (सूक्ष्म) अणु आकर सोलर पैनल के ऊपर पड़ते है और सेमीकंडक्टर इस तरह की प्रक्रिया करना शुरू कर देता है। जिसके कारण इलेक्ट्रान पॉजिटिव से चलना प्रारंभ करते है और इससे बिजली बनती है और जब यह इलेक्ट्रॉन्स नेगेटिव की ओर आते है तो वह जगह खाली होती है। इलेक्ट्रॉन्स उस खाली जगह को बदलने के लिए वहां जाने लगते है। इस प्रकार सोलर पैनल के माध्यम से इलेक्ट्रिसिटी का निर्माण होता है।
Uses Of Solar Panel In Hindi
सोलर पैनल का बहुत से कार्यों में उपयोग किया जा सकता है। आप बहुत सी तरह से इसका प्रयोग कर सकते है। Solar Panel Ke Upyog किन कार्यों को करने में किया जाता है आपको आगे बताये गए है।
- यदि आप अपने घर में इसकी मदद से बिजली का प्रयोग करना चाहते है तो आसानी से अपने घर में बिजली का इस्तेमाल कर सकते है।
- खाना बनाने में भी हम Solar Panel का उपयोग कर सकते है।
- सौर ऊर्जा के प्रयोग के द्वारा कई देश अपने अंतरिक्ष मिशन में अंतरिक्ष यान को कंट्रोल कर सकते है। अंतरिक्ष में बिजली देने का यह बहुत आसान तरीका है।
- स्ट्रीट लाइट पूरे दिन सौर ऊर्जा या सूर्य के प्रकाश से चार्ज हो जाती है और रात में यह LED Light को ऑन कर देती है।
Types Of Solar Panel In Hindi
पूरी दुनिया में कई तरह के सोलर पैनल उपयोग किये जा रहे है पर भारत में मुख्यतः दो तरह के सोलर पैनल का प्रयोग किया जाता है।
- Mono-crystalline (मोनो-क्रिस्टलाइन)
- Poly-crystalline (पॉली-क्रिस्टलाइन)
1. मोनो-क्रिस्टलाइन
यह सोलर पैनल बहुत ऊर्जा-वान होते है। जिस वजह से यह महंगे भी होते है और यह क्वालिटी में भी बहुत अच्छे होते है। इस तरह के सोलर पैनल का निर्माण करने के लिए सिंगल सिलिकॉन क्रिस्टल का प्रयोग किया जाता है। यह सूर्य के कम प्रकाश में भी काम करते है। यह ज्यादा बिजली बनाने की क्षमता रखते है।
2. पॉली-क्रिस्टलाइन
पॉली-क्रिस्टलाइन सोलर पैनल को थोड़ी कम क्वालिटी के सिलिकॉन का इस्तेमाल करके बनाया जाता है जिस कारण यह सोलर पैनल सस्ते होते है। यह सूर्य के अधिक प्रकाश के माध्यम से ही कार्य करते है। पॉली-क्रिस्टलाइन सोलर पैनल मोनो-क्रिस्टलाइन सोलर पैनल से कम ऊर्जा की क्षमता रखते है।
Solar Panel Ke Fayde
सोलर पैनल का उपयोग करने के कई सारे फायदे प्राप्त होते है। जो आपको आगे बताये गए है तो जानते है इससे होने वाले फ़ायदों के बारे में।
- सोलर पैनल को कहीं पर भी लगाया जा सकता है आप इसका प्रयोग अपने घर में भी कर सकते है।
- यह बिजली के अन्य संसाधनों की तुलना में बहुत सस्ता होता है जिसका इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है।
- सौर ऊर्जा हमारे वातावरण को भी बहुत सी तरह से लाभ पहुँचाती है। इसका जब किसी तरह से प्रयोग किया जाता है तो यह वातावरण को अशुद्ध नहीं करती है और ना ही किसी प्रकार की कार्बन-डाइऑक्साइड या विषैली गैस छोडती है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। ऐसे क्षेत्र जहाँ बिजली कम मात्रा में उपलब्ध होती है उन स्थानों पर सोलर पैनल बहुत फ़ायदेमंद होता है।
- इसका उपयोग करना बहुत सुरक्षित है। आप आसानी से इसका रख-रखाव कर सकते है।
- एक बार यदि आप सोलर पैनल लगवा लेते है तो आपको हर महीने बिजली का बिल भी नहीं भरना होगा।
Conclusion
तो दोस्तों यह थी Solar Panel Ki Jankari जो आपको जरूर पसंद आयी होगी। सोलर पैनल का उपयोग करना व उसका रखरखाव करना बेहद ही आसान है। इस पर लगने वाली धूल को साफ करते रहना आवश्यक है जिसके लिए हम आपको सोलर पैनल क्लीनिंग किट का उपयोग करने का सुझाव देंगे।
हम जानते है कि सोलर पैनल महंगे होते है तथा जिनके लिए आपको भारी निवेश करना पड़ता है। फिर भी यदि आप यह निवेश करने में सक्षम है तो यह पोस्ट आपके जरूर काम आएगी। जिसमें हमने Solar System Kya Hota Hai व सोलर Panel Kise Kahate Hain आदि के बारे में पूरी जानकारी दी है।
सोलर सिस्टम या Solar Kya Hai कि जानकारी यदि आपको अच्छी लगी हो तो आप हमे अपने सुझाव कमेंट करके बता सकते है व इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी जरूर करें।