Net Neutrality Kya Hai? – जानिए नेट न्यूट्रैलिटी के फायदे तथा नुकसान विस्तार में!

Net Neutrality को हम इंटरनेट Neutrality और Net Equality के नाम से भी जानते है, इसका आसान सा मतलब है की जितने भी इंटरनेट यूजर्स है...

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Net Neutrality को हम इंटरनेट Neutrality और Net Equality के नाम से भी जानते है, इसका आसान सा मतलब है की जितने भी इंटरनेट यूजर्स है उन सभी को हर तरह की जितनी भी सोशल वेबसाइट है उन्हें समान रूप से उपयोग करने की आज़ादी मिलना है। यानि की अगर कोई बड़ी कंपनी की साइट है तो वह जल्दी ओपन होगी या कोई छोटी कंपनी की साइट है तो उसे ओपन होने में ज्यादा समय लगेगा ऐसा नहीं होना चाहिए।

यानि की इंटरनेट पर जितने भी यूजर्स है उनके साथ समान व्यवहार किया जाए। TRAI ने इस पर सिफारिश भी की थी जिसके लिए उसे मंजूरी भी मिल गई है। जिसके बाद प्रत्येक नागरिक का इंटरनेट पर समान अधिकार होगा। जिसमें सोशल मीडिया पोस्ट, वॉइस कॉल, यूट्यूब वीडियो, ईमेल भी हो सकता है। चलिए अब आगे हम विस्तार में जानेंगे की नेट न्यूट्रैलिटी का अर्थ क्या है।

Net Neutrality Kya Hai

Net Neutrality Kya Hai (नेट न्यूट्रैलिटी क्‍या है)

नेट न्यूट्रैलिटी का सीधा सा मतलब होता है इंटरनेट यूजर्स के लिए इंटरनेट की सर्विस प्रदान करना, मतलब अगर आप इंटरनेट यूज़ करते है तो आप जो भी वेबसाइट, सोशल मीडिया, यूट्यूब या और कोई सी इंटरनेट सर्विस का इस्तेमाल करते है तो उसके लिए आपको एक समान स्पीड उपलब्ध हो तथा आपसे उसका अलग से चार्ज ना लिया जाए।

इंटरनेट की सेवा प्रदान करने वाली कंपनी आपसे सिर्फ इस बात का चार्ज लेगी की आप कितना डाटा यूज़ करते है, इंटरनेट जिस पर आप कुछ भी सर्च करते है तो आपको सभी तरह की जानकारी आसानी से मिल जाती है उसका समान रूप से चार्ज ले क्योंकि आज दुनिया में हर कोई इंटरनेट का यूज़ कर रहा है।

न्यूट्रैलिटी का साधारण सा मतलब निष्पक्षता होता है, इसी तरह नेट न्यूट्रैलिटी का मतलब (नेट निष्पक्षता) होता है, जिसे हम कह सकते है की नेटवर्क कंपनी हमे नेट न्यूट्रैलिटी समान आधार पर प्रदान करे। इसका मतलब यह है कि ISP (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) को हमें खुले नेटवर्क प्रदान करना चाहिए और उन Applications और Content के खिलाफ भेदभाव नहीं करना चाहिए जो उन नेटवर्क पर सर्व करते है।

जैसे आपकी फोन कंपनी यह तय नहीं करती है कि आप किसे कॉल करते है और आप उस कॉल पर क्या बात करते है, इसी तरह आपके ISP को उस सामग्री के साथ हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जिसे आप ऑनलाइन देखते या पोस्ट करते है।

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Net Neutrality In India

नेट न्यूट्रैलिटी का असर इतना गहरा हुआ की कुछ देशों में नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर कानून बना दिया गया है। साल 2017 में एयरटेल कंपनी ने इंटरनेट कॉलिंग के लिए 3G यूजर्स से एक्स्ट्रा चार्ज लेने की बात कही और इसी के बाद से नेट न्यूट्रैलिटी इंडिया में बहस का विषय बना हुआ है। भारत में नेट न्यूट्रैलिटी की सेवा लागू है तथा भारत में समान स्पीड से सभी उपयोगकर्ताओं के लिए नेट की सेवा प्रदान की गई है। भारत सरकार ने तर्क दिया है की देश में 40 करोड़ लोगों को ही इंटरनेट की सुविधा मिल पायी है इसका विस्तार करने के लिए नेट न्यूट्रैलिटी की आवश्यकता होगी।

Net Neutrality Ke Fayde

अगर आप इंटरनेट यूज़र है तो आपके लिए नेट न्यूट्रैलिटी के बहुत से फायदे उपलब्ध है, जिससे आप इंटरनेट आसानी से इस्तेमाल कर सकते है। तो चलिए हम आपको बताते है की नेट न्यूट्रैलिटी के क्या फायदे होते है:

  • नेट न्यूट्रैलिटी का फायदा आप सभी नेट यूजर्स को होगा, आप बिना किसी रोक या भेदभाव के आसानी से इंटरनेट का उपयोग कर सकते है और इंटरनेट पर हर तरह की जानकारी को प्राप्त कर सकते है।
  • नेट न्यूट्रैलिटी लागू होने के बाद सभी इंटरनेट यूजर्स के इंटरनेट की स्पीड समान ही रहेगी। आपको इसका एक्स्ट्रा चार्ज नही देना होगा।
  • इंटरनेट यूजर, इंटरनेट पर जो भी करते है या कोई सी भी वेबसाइट देखते है उस हिसाब से इंटरनेट सर्विस डाटा प्लान में बदलाव नहीं कर सकती। मतलब आपको किसी भी वेबसाइट या अन्य इंटरनेट सर्विस का उपयोग करने के लिए अलग से ज्यादा चार्ज नहीं देना होगा।
  • इसके जरिये आप उन वेबसाइट को भी आसानी से एक्सेस कर पाएंगे जो अब तक सिर्फ हाई इंटरनेट स्पीड होने पर ही ओपन होती थी।

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Net Neutrality Ke Nuksan

नेट न्यूट्रैलिटी खत्म होने पर सबसे ज्यादा नुकसान इंटरनेट यूजर्स को होगा, क्योंकि इससे सभी इंटरनेट यूजर्स पूरी तरह से ISP (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स) के नियंत्रण में हो जाएँगे। तो चलिए जानते है की इसका आप पर क्या असर पड़ेगा:

  • अगर कोई वेबसाइट ज्यादा चार्ज करती है तो आप सिर्फ उन्हीं सर्विसेज को इस्तेमाल कर पाएँगे। इसके अलावा आप दूसरी वेबसाइट का इस्तेमाल नही कर पाएँगे या फिर वो वेबसाइट बहुत ही स्लो चलेगी और अगर उपयोगकर्ता अन्य वेबसाइट का उपयोग करना चाहता भी है तो उसके लिए उन्हें एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ेगा।
  • आप जितना ज्यादा इंटरनेट इस्तेमाल करेंगे आपको इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को उतना ही चार्ज देना होगा।
  • इंटरनेट यूजर्स पर पूरी तरह से इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स का नियंत्रण होगा।
  • नेट न्यूट्रैलिटी खत्म होने पर वहां की सरकार ही यह तय करेगी की आप कितना इंटरनेट इस्तेमाल कर सकते हो।

Conclusion:

तो अब आप समझ गए होंगे की नेट न्यूट्रैलिटी क्या होता है और इंटरनेट के क्षेत्र में इसका कितना विशेष स्थान है। यदि नेट न्यूट्रैलिटी खत्म कर दी गई तो प्रत्येक कंपनियों की साइट्स खुलने में बहुत अंतर आ जाएगा और सेवाओं की कीमतों में भी वृद्धि हो जाएगी। तो दोस्तों यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट में बताए साथ ही पोस्ट पसंद आने पर पोस्ट को शेयर करे और आगे भी टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी पाने के लिए बने रहे हिंदी सहायता पर धन्यवाद!

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