MS DOS का फुल फॉर्म ‘Microsoft Disk Operating System’ होता है। ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच मध्यस्थ (पुल) के रूप में कार्य करता है। अगर आप भी माइक्रोसॉफ्ट DOS के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख MS Dos Kya Hai (What Is MS Dos in Hindi) में आपको फायदे, नुकसान, विशेषताओं आदि के बारे में जानने को मिलेगा।
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DOS Ke Karya में ऑपरेटिंग सिस्टम आपके कंप्यूटर की Memory और Processes (प्रक्रियाओं) का प्रबंधन करता है। साथ ही इसका काम कीबोर्ड और माउस से इनपुट लेना, मॉनिटर स्क्रीन पर आउटपुट देना, इनपुट और आउटपुट को संभालना, फ़ाइल को संभालना और परिधीय उपकरण (Peripheral Devices) जैसे- Disk Drives और Printer को कंट्रोल करना हैं।
कंप्यूटर, लैपटॉप हो या मोबाइल इनको चलने के लिए हर वक़्त Operating System (OS) की जरूरत होती हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना आपका कंप्यूटर या मोबाइल कभी On नहीं हो सकता हैं। बिना OS आपका डिवाइस बिल्कुल उसी तरह है जिस तरह बिना आत्मा के हमारा शरीर।
तो आपको MS-DOS क्या है (Introduction of Dos in Hindi)? यह तो पता चल गया होगा लेकिन अब आपके मन में MS DOS Mein Command History Dikhane Ke Liye Kaun Sa Command Hota Hai यह प्रश्न आ रहा होगा तो इस पोस्ट में हम DOS Kya Hai Hindi (MS DOS in Hindi), DOS System Files in Hindi व इसके कार्य इत्यादि के बारे में जानेंगे, बस बने रहे अंत तक हमारे साथ।
MS DOS Kya Hai
MS-DOS, Command-Line पर आधारित एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे CLI (Command Line Interface) ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहते हैं, जो पूरी तरह यूजर पर निर्भर रहता है। मतलब ये कि यूजर की Command के बिना यह कुछ भी काम नहीं करेगा। जब यूजर उसको फ़ाइल Open करने की Command देगा तभी फ़ाइल Open होगी। और जो भी Command उस कंप्यूटर को दिए जाएंगे वो सभी Text Form (लिखित रूप) में होंगें।
DOS Operating System का कोई भी काम कमांड्स के बिना नहीं हो सकता और इसलिए ऐसे कंप्यूटर पर काम करने के लिए बहुत कमांड्स याद रखने होते हैं। कई बार कमांड्स इतने बड़े-बड़े हो जाते हैं कि हर किसी के लिए इतने बड़े कमांड्स याद रखना उतना आसान नहीं होता है।
CLI (Command Line Interface) OS के बाद पहला GUI (Graphical User Interface) OS 1995 में आया और वो था ‘Windows95’ ऑपरेटिंग सिस्टम जो कि Microsoft की तरफ से ही था।
इसी के साथ अब आपको DOS Kya Hota Hai (Disk Operating System in Hindi) इस बारे में पता चल गया होगा।
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MS-DOS Full Form in Hindi
DOS को Microsoft ने ‘Seattle Computer Products’ से खरीदा था। फ़िर Microsoft ने DOS का नाम बदलने के लिए DOS के पहले ‘MS’ लगा दिया। यहाँ पर MS का मतलब और कुछ नहीं बल्कि ‘Microsoft’ है। जो कि आज दुनिया की एक बहुत बड़ी IT कम्पनी हैं।
ऊपर हमने जाना डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम इन हिंदी, अब हम उसकी History और उसके अलग-अलग Feature के साथ समय-समय पर आने वाले Versions के बारे में बात करेंगें। MS-DOS के ये Versions 1981 (MS-DOS) से लेकर 2001 (Windows XP) तक Microsoft के द्वारा कुछ सुधारों के साथ Launch किये गए।
History Of DOS
MS-DOS की उत्पत्ति दो ऑपरेटिंग सिस्टम, CP/M और QDOS से हुई है। CP/M (Control Program for Microcomputers) के प्रोग्राम को डिजिटल रिसर्च के ‘Gary Kildal’ ने 1970 के मध्य में बनाया था। और QDOS को ‘Seattle Computer Products’ के ‘Tim Paterson’ ने 1980 में बनाया था। QDOS काफी हद तक CP/M पर आधारित था। इसके बाद 1981 में Microsoft ने ‘Seattle Computer Products’ से QDOS को ख़रीद लिया और उसका एक नया नाम ‘MS-DOS 1.0’ रखा। फिर Microsoft ने इसमें बहुत कुछ सुधार करने के उपरांत Microsoft ने इसे IBM को अपने नए Personal Computers में उपयोग करने के लिए दे दिया।
Versions Of MS DOS
समय के साथ कुछ बदलाव करते हुए Microsoft के द्वारा MS-DOS के 8 अलग-अलग Version (संस्करण) Launch किये गए।
- Version 1 में 8 तरह के MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किये गए।
- Version 2 में 5
- Version 3 में 9
- Version 4 में 3
- Version 5 में 4
- Version 6 में 4
- Version 7 में 2 और
- Version 8 में 2 तरह के MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किये गए।
आइए अब हम थोड़ा ये जान लेते हैं कि MS-DOS के इन Versions में हमें क्या-क्या बदलाव देखने को मिले:
- Version 3.1 में हमें नेटवर्क के लिए सपोर्ट देखने को मिला।
- Version 3.3 पहला Version था जिसमे 3.5 इंच, 1.44 MB की Floppy Drive का सपोर्ट मिला।
- Version 4.0 में Multitasking और Graphics का सपोर्ट मिला।
- Version 5.0 पहला Version था जिसमे 3.5 इंच, 2.88 MB की Floppy Drive का सपोर्ट मिला।
- Version 7.0 में हमें पहला GUI (Graphical User Interface) वाला Operating System Microsoft का ‘Windows95’ देखने को मिला। जिसमें हमें और अच्छे Graphics देखने को मिले।
- Version 7.1 में ‘Windows98’ कुछ नए फ़ीचर के साथ Launch किया गया।
- Version 8.0 में हमें ‘Windows XP’ देखने को मिला और ये Operating System लोगों के बीच काफ़ी मशहूर रहा। आज भी कुछ लोग Windows XP Operating System को चलाते हैं।
अब आप जान गए होंगें Version Of DOS In Hindi अब हम जानेंगे कि DOS के फीचर्स क्या है।
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Features Of MS-DOS
- MS-DOS फ़ाइल प्रबंधन करने में सहायक है। उदाहरण के लिए फ़ाइल बनाना, फ़ाइल Edit करना और फ़ाइल Delete करना।
- MS DOS एक एकल उपयोगकर्ता (Single User) ऑपरेटिंग सिस्टम है। एक उपयोगकर्ता इस OS में एक समय में एक काम कर सकता है।
- MS डोस Character (A-Z) पर आधारित Interface System हैं। MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम में हम सिर्फ़ Characters या Letter (अक्षर) ही Type कर सकते हैं।
Advantages Of DOS
MS-DOS आज के OS की तुलना में बहुत ही छोटा OS है, और इसलिए आज के ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना में इसके कई लाभ है। आईये जानते है Advantages Of DOS In Hindi:
- जब कंप्यूटर को On करते हैं तब MS-DOS काफ़ी जल्दी ‘Boot’ हो जाता हैं।
- पूरे MS-DOS ऑपरेटिंग सिस्टम को एक अकेली Modern ROM चिप पर आसानी से Store किया जा सकता हैं।
- MS-DOS बहुत ही हल्का ऑपरेटिंग सिस्टम हैं, यह लगभग 8 MB में पूरा Install हो जाता है।
- यह बहुत छोटे सिस्टम पर भी आसानी से चल सकता हैं।
- यह आपको किसी भी Process का ‘सीधे’ तथा ज्यादा अच्छे से नियंत्रण प्रदान कराता है।
- इसके द्वारा आप Bios (Basic Input Output System) तथा ज्यादातर Hardware तक सीधी पहुँच प्राप्त कर सकते है।
What Do You Understand by DOS System Files in Hindi
DOS ऑपरेटिंग सिस्टम जिन प्रमुख Files से मिलकर बना होता है उन्हें DOS की सिस्टम फाइलें कहाँ जाता है। ये फाइलें कुछ विशेष कार्यों के जैसे- बूटिंग प्रक्रिया को पूरा करने, स्टोरेज डिवाइसों का प्रबंधन करना, फ़ाइल बनाना, फ़ाइल Edit करना और फ़ाइल Delete करना इत्यादि कार्यों के बनाई जाती है। चलिए आपको बताते है कुछ प्रमुख DOS Files या Commands Files के बारे में:
- DIR Command: इसका उपयोग किसी एक Directory के अंदर की Sub-Directory और Files को देखने के लिए किया जाता है।
- MD Command: MS-DOS के अंदर New Directory बनाने के लिए इस कमांड का इस्तेमाल करते हैं।
- CD Command: एक Directory से दूसरी Directory में जाने के लिए इस कमांड्स का Use किया जाता है।
- DEL Command: Files को Delete करने के लिए इस कमांड का उपयोग किया जाता है।
- DOSKEY Command: एमएस डॉस में कमांड हिस्ट्री दिखाने के लिए कौन सा कमांड होता है यह सबसे ज्यादा सर्च किये जाना वाला कमांड है। तो इसके लिए DOSKEY Command का उपयोग किया जाता है।
The Extension Name of a File in MS DOS is?
Extension | Format |
---|---|
docx | Microsoft Word document |
dot | Microsoft Word template before Word 2007 |
eml | Email file created by Outlook Express, Windows Live Mail, and other programs |
exe | Executable program file |
gif | Graphical Interchange Format file |
htm, html | Hypertext markup language page |
jar | Java architecture file |
jpg, jpeg | Joint Photographic Experts Group photo file |
mp3 | MPEG layer 3 audio file |
Portable Document Format file | |
ppt | Microsoft PowerPoint format before PowerPoint 2007 |
rar | Roshal Archive compressed file |
sys | Microsoft DOS and Windows system settings and variables file |
xlm | Microsoft Excel macro before Excel 2007 |
zip | Compressed file |
Conclusion
तो उम्मीद करते है कि आपके MS DOS Operating System in Hindi के जुड़े सभी Doubts क्लियर हो गए होंगे। DOS System File Se Aap Kya Samajhte Hain यह जवाब भी आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा। फिर भी यदि आप हमसे कुछ पूछना या शेयर करना चाहते है तो निचे दिए Comment Box में कमेंट कर सकते है, हम आप तक जरूर पहुंचेंगे। MS Dos Hindi की जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करना न भूले।
FAQs
MS-DOS कितने प्रकार के होते है?
MS-DOS कमांड दो प्रकार के होते हैं, आंतरिक कमांड और बाहरी कमांड।
MS-DOS में कितनी फाइलें होती हैं?
एमएस डॉस में तीन आवश्यक फाइलें और कई कमांड फाइलें हैं।
क्या DOS एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है?
नहीं, MS-DOS एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है जिसका उपयोग ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में किया जाता है।
Ms dos ka use ka use aaj ke time me to koi nhi krta hoga kyoki aaj kal to window pr sab graphical hota h Or easy hota hai