UV Rays या Ultraviolet Rays Meaning in Hindi ‘पराबैंगनी किरणें’ होता है जो सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणे होती है। इन किरणों को नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता, हालाँकि आप सूर्य की रोशनी या अत्यधिक गर्मी में रूप से इसे देख या महसूस कर सकते है। इन पराबैंगनी किरणों का दुष्परिणाम आपका इसके संपर्क में आने के बाद ही पता चलता है। यदि आप भी जानना चाहते है कि Ultraviolet Kya Hai और UV Protection Meaning in Hindi क्या तो बने रह इस पोस्ट में हमारे साथ अंत तक।
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पराबैंगनी किरणें सूरज से निकलने वाली किरणों का ही एक भाग है। इन किरणों से त्वचा को भयंकर नुकसान भी हो सकता है जो किसी बीमारी का रूप भी ले सकता है या कैंसर होने का कारण भी बन सकता है। गर्मी के मौसम में यह किरणें अपना ज़्यादा असर दिखाती है। इसलिए सावधानी रखकर ही इन किरणों के प्रभाव से बचा जा सकता है। परन्तु इसके लिए पहले आपको पता होना चाहिए कि UV Rays Kya Hai (UV Rays Meaning in Hindi), इस लेख में जाने UV Rays in Hindi जानकारी।
Ultraviolet Kya Hai
यह सूर्य से निकलने वाली किरणें होती है, जिन्हें पराबैंगनी किरणें कहा जाता है। अगर इन पराबैंगनी किरणों का स्तर ज्यादा हो जाता है तो यह हमें कई तरह के नुकसान भी पहुंचा सकती है। इन किरणों को हम ना ही देख सकते है और ना ही महसूस कर पाते है। पराबैंगनी किरणें शरीर में ज्यादा गहराई तक नहीं जा पाती है। इस कारण से इन किरणों का नुकसान सिर्फ हमारी त्वचा पर ही हो पाता है।
अल्ट्रावायलेट प्रोटेक्शन से अभिप्राय यह कि जो सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी किरणें है जिसे अल्ट्रावायलेट रेडिएशन कहा जाता है इससे बचाव के लिए हम जिस चीज का उपयोग करते है उसे ही अल्ट्रावायलेट प्रोटेक्शन कहा जाता है।
Ultraviolet Rays Ki Khoj Kisne Ki
क्या आप जानते है कि पराबैंगनी किरणों की खोज किसने की? पराबैंगनी किरणों की खोज खोज जर्मन के वैज्ञानिक ‘जोहान विल्हेम रिटर (Johann Wilhelm Ritter)’ के द्वारा सन 1801 में की गई थी। उन्होंने यह पाया कि सिल्वर क्लोराइड पर धुप लगते ही वह काला हो जाता है।
जोहान विल्हेम ने 1801 में एक अवलोकन करके यह देखा की बैंगनी रोशनी से अलग (ऊपर) सिल्वर क्लोराइड गिले कागज़ को ब्लैक करती है। रासायनिक क्रियाओं पर बल देने के लिए जोहान विल्हेम ने इन किरणों को डी-ऑक्सीडाईजिंग किरणें नाम दिया।
Types Of Ultraviolet Rays In Hindi
पराबैंगनी किरणों के कुछ मुख्य प्रकार भी होते है जो मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है। आइये जानते है UV Rays Ke Prakar क्या है।
UVA Rays
पराबैंगनी किरणों का यह प्रकार त्वचा को अधिक समय तक के लिए नुकसान पहुँचाता है। UVA Rays त्वचा की जो कोशिकाएं होती है उनकी उम्र को नष्ट कर देती है और त्वचा के DNA के लिए हानिकारक होती है। UVA Rays से त्वचा का कैंसर भी हो सकता है। इस किरणों से त्वचा पर झुर्रियों की समस्या हो सकती है।
UVB Rays
UVB Rays में UVA Rays की अपेक्षा ज्यादा सूर्य ऊर्जा (Solar Energy) रहती है। जिसके कारण UVB Rays डायरेक्ट त्वचा की कोशिका और DNA को हानि पहुँचाती है। UVB Rays से त्वचा के बहुत से कैंसर हो सकते है। UVB Rays ही सनबर्न के लिए जिम्मेदार होती है। इन किरणों से बचाव ही इसका इलाज होता है।
UVC Rays
इन पराबैंगनी किरणों में दूसरी पराबैंगनी किरणों की अपेक्षा ज्यादा ऊर्जा पायी जाती है। UVC Rays सूरज के प्रकाश और वायुमंडल में नहीं होती है तथा UVC Rays से त्वचा सम्बन्धी कैंसर की समस्या भी नहीं होती है।
UV Rays Uses In Hindi
पराबैंगनी किरणों के कुछ उपयोग भी होते है। यह हमारे लिए किसी ना किसी प्रकार से उपयोगी भी होती है।
- स्वच्छ वायु: पराबैंगनी किरणें हवा को स्वच्छ करने में सहायक होती है।
- विटामिन डी: इन किरणों के माध्यम से विटामिन डी ग्रहण किया जा सकता है। जो हड्डियों को मजबूत बनाने में उपयोगी होती है।
- विशेष शोध: वैज्ञानिकों के द्वारा विशेष प्रकार की खोज के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
- त्वचा रोग: बहुत तरह की त्वचा से सम्बन्धित बिमारियों में भी इन किरणों का उपयोग होता है।
- नष्ट बैक्टीरिया: यह किरणें बैक्टीरिया को भी नष्ट करती है।
UV Rays Ke Fayde
पराबैंगनी किरणों के प्रभाव से सिर्फ नुकसान ही नहीं होता है बल्कि इसके आपको बहुत से फायदे भी हो सकते है जो आपको आगे बताये गए है। जानते है पराबैंगनी किरणों से होने वाले फ़ायदों के बारे में।
- यह विटामिन डी का स्त्रोत होती है। शरीर में विटामिन डी प्राप्त करने के लिए सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों की जरुरत होती है। इससे हड्डियाँ और मांसपेशी मजबूत होती है तथा रोगप्रतिरोधक क्षमता बढती है।
- पराबैंगनी किरणें कीटाणुओं को खत्म कर संक्रमण होने से बचाती है। जो सूक्ष्म कीटाणु होते है जिनसे बैक्टीरिया या वायरस फैलता है उनको भी नष्ट करती है।
- इन किरणों का इस्तेमाल त्वचा से सम्बन्धित कुछ बिमारियों का इलाज करने में भी किया जाता है।
- जो छोटे जीव-जंतु होते है वह पराबैंगनी किरणों के द्वारा ही फलो को, फूलों को और बीजों को देख पाते है। इसके अलावा जो जंतु या किट हवा में उड़ते है वह पराबैंगनी किरणों के माध्यम से ही दिशा का पता लगा पाते है।
UV Rays Ke Nuksan
पराबैंगनी किरणों के फायदे और उपयोग होने के साथ ही इनके कुछ नुकसान भी होते है। यह किरणें फायदेमंद तो होती ही है साथ ही इन किरणों के कुछ नुकसान भी है।
त्वचा पर झुर्रियां
पराबैंगनी किरणों से आपकी त्वचा पर झुर्रियां हो सकती है। अगर आप अधिक समय तक इन किरणों के संपर्क में रहते है तो यह झुर्रियां होने का कारण होती है। इस नुकसान से बचने के लिए आपको सूर्य की किरणों में ज्यादा समय तक रहने से बचना होगा।
आँखों के लिए नुकसानदायक
यह किरणें आँखों को भी हानि पहुँचाती है। जिससे आँखों में जलन होना शुरू हो जाती है और मोतियाबिंद की समस्या भी हो सकती है। आँखों की रौशनी कम होने लगती है। इससे बचाव के लिए आँखों का खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए। (आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए हमारी यह पोस्ट ‘Aankho Ki Roshni Kaise Badhaye?‘ पढ़े।)
त्वचा का रंग परिवर्तन
इन किरणों के ज्यादा संपर्क में रहने से त्वचा का रंग भी बदलने लगता है और काला हो जाता है। इसका अधिक प्रभाव ज्यादा गोरे और हल्के रंग की त्वचा वाले लोगों पर होता है।
पौधों के विकास पर प्रभाव
पराबैंगनी किरणों से पौधों के हो रहे विकास पर भी गलत प्रभाव पड़ता है। इन किरणों के प्रभाव के कारण पौधों में बीजों का विभाजन होने में भी समय लगता है।
Conclusion
ओज़ोन परत जो पृथ्वी की सतह से लगभग 15 से 25 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है हमे पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा प्रदान करती है। ओज़ोन परत सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है परन्तु प्रदुषण के कारण अब इसमें क्षिद्र होने लगा है जिस कारण यह पृथ्वी तक पहुँचने लगी जो कि बहुत ही चिंता का विषय बनता जा रहा है। उम्मीद करते है कि अल्ट्रावायलेट किरणें क्या है या UV Kya Hota Hai के बारे में दी जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी एवं आपको Ultraviolet Kiran Kise Kahate Hain के बारे में सब कुछ अच्छे से समझ में आ गया होगा।
अल्ट्रावायलेट किरण क्या है से संबंधित यदि आपके कोई सवाल या सुझाव हो तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है हम आपकी सहायता करने की पूरी कोशिश करेंगे।