DM (District Magistrate) किसी जिले का मुख्य अधिकारी होता है। सभी सरकारी नौकरी में डीएम का पद सबसे बड़ा माना जाता है, जिसमें अच्छा रुतबा एवं सम्मान भी मिलता है। DM बनने पर सरकार की तरफ से बहुत सारी सरकारी सुविधाऐं मिलती है। अगर आपका अपना भी उच्च सरकारी अधिकारी बनने का है तो यहां आपको एक ऐसे ही सर्वोच्च पद DM Kaise Bane के बारे में जानने को मिलेगा।
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डीएम जिला अधिकारी होता है, तथा जिसे जिले का मुखिया भी कहते है। यह अपने अंतर्गत आने वाले जिले की सुरक्षा और सेवा करता है। अगर आज हम किसी DM को देखते है, तो मन में सोचते है की काश हम भी DM बन पाते। आज के दौर में हर युवा चाहता है, की वह भी किसी बड़े पद पर कार्य करे।
DM को जिला न्यायाधीश भी कहा जाता है। हर एक जिले में एक न्यायालय होता है और उन न्यायालय में जो न्यायाधीश होते है उन्हें जिला न्यायाधीश कहते है। डीएम का पद बहुत ही सम्मानीय और शक्तिशाली होता है। एक डीएम अधिकारी को कई सारे अधिकार भी प्राप्त होते है।
इस लेख को अंत तक पढ़ते रहें क्योंकि हम डीएम बनने की युक्तियों के साथ बहुत सारी जानकारी जैसे- डीएम कैसे बनते हैं (DM Kaise Bante Hain) या DM Kise Kahate Hain, डीएम बनने के लिए लिए योग्यता, परीक्षा एवं सिलेबस क्या है इत्यादि साझा करेंगे। तो चलो शुरू करते है।
DM Kaise Bane
डीएम बनने के लिए, सबसे पहले आपको संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास करनी होगी और शीर्ष 100 में रैंक हासिल करनी होगी। एक बार जब आप इस परीक्षा को पास कर लेंगे, तो आप एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी (IAS) बन जाएंगे। आईएएस अधिकारी को एक या दो प्रमोशन के बाद जिला मजिस्ट्रेट (DM) बना दिया जाता है।
UPSC की सिविल सर्विस एग्जाम (CSE) में उम्मीदवार द्वारा हासिल की गई रैंक के आधार वे अलग-अलग विभाग में अधिकारी बनते है जैसे- अगर किसी उम्मीदवार की रैंक सबसे अधिक रहती है तो उसे इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) शाखा के पद जैसे- निगम और आयोग के प्रशासन प्रमुख, मंत्रालय और विभिन्न विभाग का सचिव, जिला प्रमुख या जिला कलेक्टर इत्यादि के रूप में नियुक्त किया जाता है।
CSE एग्जाम उत्तीर्ण करने के बाद IAS बनने के अलावा अन्य उच्च सरकारी पदों में भी नौकरी मिलती है, जैसे- IPS (इंडियन पुलिस सर्विस) जो कि पुलिस विभाग का उच्च प्रशासनिक पद होता है, IRS (इंडियन रेवेन्यू सर्विस) ऑफिसर जो कि भारत सरकार की प्रशासनिक राजस्व सेवा (आयकर) अधिकारी होता है, IFS (इंडियन फॉरेन सर्विस) जिसमें राजदूत की नौकरी दी जाती है।
DM Kya Hota Hai
डीएम (DM) एक जिला मजिस्ट्रेट है तथा जो कोई और नहीं बल्कि एक आईएएस अधिकारी (IAS Officer) होता है। डीएम एक जिले के प्रशासनिक अधिकारी है। उन्हें जिले के मुख्य कार्यकारी मजिस्ट्रेट के रूप में भी जाना जाता है। एक डीएम ऑफिसर को जिला कलेक्टर के रूप में भी जाना जाता है। यह पूरे जिले के प्रशासन के लिए जिम्मेदार होता है। डीएम के अंतर्गत जिले के सभी कार्य जैसे- कानून व्यवस्था, कृषि व्यवस्था, सभी सरकारी योजनाएं, इत्यादि आते है।
वर्तमान में, भारत में 748 जिले है और हर जिले को सुचारु रूप से चलाने के लिए एक जिला मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाता है। एक डीएम की सहायता के लिए अन्य कई अधिकारी जैसे- SDO (सब डिवीजन ऑफिसर), SDM (सब डिवीजन मजिस्ट्रेट), BDO (ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर) आदि होते है।
DM फुल फॉर्म इन हिंदी
डीएम (DM) का Full Form ‘ District Magistrate (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट)’ होता है तथा जिसे हिंदी में ‘जिला न्यायाधीश‘ कहते है। डीएम एक जिले का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होता है जो जिले के राजस्व (Revenue) के लिए भी जिम्मेदार होता है।
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डीएम बनने के लिए योग्यता
DM के लिए शैक्षणिक योग्यता
आपका किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से किसी भी स्ट्रीम में स्नातक (Graduation) होना चाहिए। ग्रेजुएशन पास होने के बाद ही आप DM पद के लिए आवेदन करने के पात्र (Eligible) होते है।
डीएम बनने के लिए आयु
जिला न्यायाधीश बनने के लिए प्रत्येक वर्ग के लिए सरकार के द्वारा अलग-अलग आयु सीमा निर्धारित की गई है।
- सामान्य वर्ग (General Category) के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से 32 तक रखी गई है।
- OBC वर्ग के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से 35 वर्ष तक रखी गई है, तथा जिसमें 3 साल की छूट भी दी जाती है।
- SC/ST वर्ग के लिए आयु सीमा 21 वर्ष से 37 वर्ष तक रखी गई है, तथा जिसमें 5 साल की छूट देने का प्रावधान है।
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तो अगर भी जानना चाहते है कि DM Banne Ke Liye Kya Kare तो आईये एक-एक करके समझते है इस बारे में।
डीएम बनने के लिए कितनी हाइट चाहिए
DM (District Magistrate) बनने के लिए सबसे पहले आपको संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित CSE एग्जाम को पास करना होता है। यदि आप इस परीक्षा को क्वालीफाई कर लेते है और IAS अधिकारी बन जाते है तो आपको IAS अधिकारी की पोस्ट पर कुछ समय कार्य करने के बाद पदोन्नति दे कर डीएम बना दिया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट या डीएम ऑफिसर बनने के लिए आपकी न्यूनतम हाइट 5 फीट 6 इंच होनी चाहिए।
डीएम बनने की चयन प्रक्रिया
डीएम बनने के लिए आपको UPSC की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) को पास करना होगा। UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) DM, IFS, IAS, IPS, SDM और कलेक्टर बनने के लिए एक अखिल भारतीय परीक्षा है, जो कि हर साल राष्ट्रिय स्तर पर विभिन्न प्रशासनिक पदों को भरने के लिए सिविल सर्विस एग्जाम का आयोजन करती है।
UPSC द्वारा आयोजित IAS परीक्षा के साथ-साथ DM, IPS, IFS आदि पदों की चयन प्रक्रिया 3 चरणों में होती है।
- प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary exam)
- मुख्य परीक्षा (Mains exam)
- साक्षात्कार प्रक्रिया (Interview process)
1. Preliminary Exam पास करें।
प्रारंभिक परीक्षा UPSC की CSE एग्जाम का पहला चरण होता है जो कि दूसरे चरण यानि मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाइंग पेपर होता है। प्रीलिम्स ऑब्जेक्टिव टाइप (MCQ) की परीक्षा होती है जिसमें 2 पेपर होते है। प्रत्येक पेपर 200-200 अंक के होते है जिन्हे हल करने के लिए 2-2 घंटे का समय दिया जाता है।
दोनों प्रश्न पत्र दो भाषाओं अर्थात् अंग्रेजी और हिंदी में होते है। साथ ही इस परीक्षा में एक तिहाई (1/3) पेनल्टी की नेगेटिव मार्किंग भी होती है। यानी प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.33 अंक की नकारात्मक अंकन है।
पेपर्स | प्रश्नों की संख्या | अंक | समय |
---|---|---|---|
पेपर-1 | 100 | 200 | 2 घंटे |
पेपर-2 | 80 | 200 | 2 घंटे |
2. Mains Exam पास करें।
प्रारंभिक परीक्षा क्लियर होने के बाद आपको मुख्य परीक्षा देनी होती है और यह CSE एग्जाम का दूसरा चरण होता है। जो उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा में पास होते है, केवल वही मुख्य परीक्षा में भाग लेते है। यह DM अधिकारी बनने के लिए अंतिम परीक्षा होती है। इसके बाद आपका साक्षात्कार यानि इंटरव्यू लिया जाता है।
मेन्स परीक्षा में कुल 9 पेपर होते है, इन 9 पेपरों में से केवल 7 पेपर ही मेरिट रैंकिंग के लिए जाएंगे। शेष दो पेपरों के लिए उम्मीदवार को यूपीएससी द्वारा निर्धारित न्यूनतम अंक प्राप्त करने होते है। मुख्य परीक्षा में नौ पेपर्स के लिए कुल अंक 1750 है। मुख्य परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद, उम्मीदवार को साक्षात्कार की प्रक्रिया के लिए उपलब्ध होना होगा।
पेपर्स | सिलेबस | अंक | समय |
---|---|---|---|
निबंध | किसी भी विषय पर निबंध | 250 | तीन घंटे |
सामान्य अध्ययन 1 | भारतीय विरासत, संस्कृति, भूगोल | 250 | तीन घंटे |
सामान्य अध्ययन 2 | संविधान, शासन, सामाजिक न्याय | 250 | तीन घंटे |
सामान्य अध्ययन 3 | प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, आपदा प्रबंधन | 250 | तीन घंटे |
सामान्य अध्ययन 4 | नैतिकता, अखंडता और एप्टीटुड | 250 | तीन घंटे |
वैकल्पिक विषय 1 | कोई भी | 250 | तीन घंटे |
वैकल्पिक विषय 2 | कोई भी | 250 | तीन घंटे |
पेपर 1 | भारतीय भाषा | 300 | तीन घंटे |
पेपर 2 | अंग्रेजी भाषा | 300 | तीन घंटे |
3. अंत में Interview क्लियर करें।
मेन्स परीक्षा को क्रैक करने के बाद आपको अंतिम प्रक्रिया यानि साक्षात्कार से गुजरना होगा। इस राउंड में करीब 400-450 उम्मीदवार पहुंचते है। इस इंटरव्यू के दौरान आपका विषय ज्ञान, व्यक्तिगत कौशल, साथ ही मानसिक क्षमता का परीक्षण किया जाता है। अगर आप यह राउंड क्लियर लेते है तो आपका DM ऑफिसर पद के लिए चयन कर लिया जाता है।
इसके बाद आपको ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है, ट्रेनिंग पूरी कर लेने के बाद आपको आवश्यकताओं के अनुसार जिले में तैनात कर दिया किया जाता है।
एक नज़र इस पर भी: NDA Kya Hai? – एनडीए कैसे जॉइन करें की पूरी जानकारी।
डीएम की तैयारी कैसे करें
आगे आपको डीएम की तैयारी करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बताये गए है, जिन्हे अगर आप अपने दैनिक पढाई में उपयोग लाते है तो इससे आपको काफी फायदा होगा।
- अगर आपको DM बनना ही तो आप ग्रेजुएशन के साथ-साथ IAS, IPS या DM की तैयारी भी शुरू कर सकते है।
- आपको अपना General Knowledge बढ़ाना होगा। इसके लिए अच्छी बुक्स पढ़े और खासकर NCERT बुक्स ही पढ़े इससे आपका बेसिक बजबूत होगा।
- साथ ही करंट अफेयर्स और भारतीय के इतिहास के बारे में जरुर पढ़ें। सामयिक घटनाओं से अपडेट रहने के लिए डेली न्यूज़ पेपर पढ़े।
- आपको इसके लिए कानूनी जानकारी होना भी आवश्यक है तो इसके लिए आप Law की Books भी पढ़े सकते है।
- पिछले साल के प्रश्न पत्र का भी सहारा ले सकते है, इससे आपको परीक्षा का पैटर्न के बारे में पता चलेगा कि कौन से विषय से कितने प्रश्न पूछे जाते है।
डीएम के कार्य
आइये अब जानते है डीएम के कार्य के बारे में की डीएम का क्या कार्य होता है –
- डी एम का कार्य लॉ एंड आर्डर यानि कानून व्यवस्था को बनाये रखना है।
- वार्षिक अपराध की रिपोर्ट सरकार को देना।
- पुलिस और जेलों का निरीक्षण करना है।
- सभी कामो की मंडल आयुक्त को समय-समय पर जानकारी देना।
- जब मंडल आयुक्त उपस्थित नहीं होते है, तो जिला विकास प्राधिकरण के पद पर अध्यक्ष के रूप में कार्य करते है।
- साथ में कार्य करने वाले मजिस्ट्रेटों का निरीक्षण करना।
DM की सैलरी कितनी होती है
डीएम का शुरुआत में मासिक वेतन 56000 रुपए है जिसमें TA, DA और HRA शामिल नहीं है। यह मूल वेतन पदोन्नति के साथ बढ़ता जाता है। मतलब जितने ज्यादा आपके प्रमोशन होंगे, उतनी ज्यादा आपकी सैलरी होगी। और, यदि आप कैबिनेट सचिव के पद पर पहुंचते है तो आपका वेतन 2,50,000/- रुपए तक हो जाता है।
DM को भारत सरकार द्वारा मासिक वेतन के अतिरिक्त अन्य सुविधाएँ भी दी जाती है, जैसे- बंगला, गाड़ी, सुरक्षा गार्ड, नौकर, फोन, एवं TA, DA, HRA आदि।
डीएम के लिए आवेदन कैसे करें?
1. सबसे पहले UPSC की ऑफिसियल वेबसाइट www.upsc.gov.in पर जाएं।
2. फिर वहां विभिन्न परीक्षाओं के लिए आवेदन लिंक मिलेगी, आपको Apply Online ऑप्शन पर क्लिक करना है।
3. इसके बाद अब आपको अगले स्टेप में सिविल सेवा परीक्षा (CSE) – प्रारंभिक परीक्षा में जाना है।
4. अब आपको IAS भाग 1 के साथ अपना पंजीकरण करना है।
5. अपने सभी सही पर्सनल डिटेल्स के साथ फॉर्म को अच्छे से भरें।
6. पूरी जानकारी सही से भरने के बाद आपको आवेदन शुल्क रु 100/- ऑनलाइन पेमेंट करना है।
7. आप अपनी सुविधानुसार अपने नजदीकी परीक्षा केंद्र को चुन सकते है।
8. फॉर्म के साथ आपको अपने पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर और पहचान कार्ड आदि जरुरी डाक्यूमेंट्स पास रखना है और उन्हें फॉर्म के साथ अटैच करना है।
10. भरी गयी डिटेल्स का प्रीव्यू लेने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक कर दें।
11. भविष्य के सन्दर्भ के लिए फॉर्म का प्रिंटआउट निकालकर अपने पास रख लें।
Conclusion
इस लेख में आपने डीएम क्या होता है एवं डीएम बनने के बारे में सभी जरुरी बातों के बारे में जाना। हमे उम्मीद है कि DM Kese Bante H के बारे में प्रदान की जानकारी आपको उपयोगी एवं पसंद आयी होगी और साथ ही लेख में डीएम किसे कहते हैं के बारे में दी गई प्रासंगिक जानकारी के साथ आपके सभी प्रश्नों का समाधान हो गया।
डीएम कैसे बनें इस बारे में और अधिक प्रश्नों के लिए, आप हमे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है। हम आपके प्रश्न के उत्तर के साथ आपसे संपर्क करेंगे।
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DM कैसे बने से जुड़े FAQs
जिला अधिकारी कैसे बने?
DM (District Magistrate) बनने के लिए उम्मीदवार को UPSC द्वारा आयोजित CSE (सिविल सर्विस एग्जाम) परीक्षा को पास करना होता है। इसके बाद आपका IAS के लिए चयन किया जाता है। इसके बाद आप IAS अधिकारी बनते है। तथा पदोन्नति होने पर IAS अधिकारी को जिला न्यायाधीश अथवा डीएम (जिलाधिकारी) बनाया जाता है।
डीएम कौन होता है?
एक जिला मजिस्ट्रेट (DM) जिसे जिला कलेक्टर या उपायुक्त के रूप में भी जाना जाता है एक प्रशासनिक अधिकारी होता है, जो भारत के जिस जिले नियुक्त किया गया है वह पर प्रशासन की बुनियादी इकाई का प्रभारी एवं वहां की कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होता है।
डीएम किसे कहते हैं?
DM या उपायुक्त जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया प्रशासनिक अधिकारी होता है।
क्या मैं 12वीं बाद DM बन सकता हूँ?
जी नहीं, UPSC-CSE परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों को किसी भी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से कम से कम स्नातक (Graduation) पूरा करने की आवश्यकता है।
Nice
Dm banane ke liye stream kon sa lena chahiye and hight kya hona chahiye
Ias exam ke bad Dm direct banta hai ya pramotion se banta hai