बरसात के मौसम में बीमारियों का आना तो साधारण बात है। साथ ही बरसात के मौसम में मच्छरों से परेशान व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है। मच्छर दिखने में छोटा क्यों ना हो लेकिन इनके काटने के बाद कई प्रकार की गंभीर और जानलेवा बीमारियाँ हो सकती है जैसे कि- डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया आदि रोग मच्छरों की वजह से ही पनपते है।
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चिकनगुनिया ने लोगों के मन में डर वाली स्थिति ला दी है। यदि हम सही समय पर Chikungunya Ke Lakshan को पहचान इसका इलाज नहीं करवाते है तो यह बीमारी खतरनाक साबित हो सकती है। चिकनगुनिया का सीधा प्रभाव हमारे जॉइंट्स पर होता है जिससे व्यक्ति दर्द से पीड़ित रहता है। तो आइए जानते है Chikungunya Kya Hota Hai और इससे कैसे बचा जाए के बारे में और विस्तार से।
Chikungunya Kaise Hota Hai
चिकनगुनिया के वायरस को फैलने के लिए एक मार्गदर्शक की जरूरत होती है और एडीज प्रजाति का यह मच्छर, वायरस के लिए मार्गदर्शक का काम करता है। यह बीमारी किसी व्यक्ति के छूने मात्र से नही होती है बल्कि यह चिकनगुनिया से पीड़ित व्यक्ति को एडीज मच्छर के काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटने से फैलता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुँचता है और उसे पीड़ित कर देता हैं। आमतौर पर यह मच्छर दिन और दोपहर के समय काटते है। चिकनगुनिया के मच्छर घर की अपेक्षा बाहर की ओर ज्यादा पनपते है। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी है अपने आस-पास सफाई बनाकर रखे।
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Chikungunya Ke Lakshan (Chikungunya Symptoms)
आइए अब नज़र डालते है चिकनगुनिया के लक्षणों पर जिन्हे कभी भी नजर अंदाज़ नहीं करना चाहिए:
जोड़ों में तेज दर्द
चिकनगुनिया के मरीजों को जोड़ों का दर्द मुख्य रूप से रहता है और यह दर्द काफी दिनों तक बना रहता है।
तेज बुखार
इसका शुरुआती लक्षण ही तेज बुखार का बने रहना, इसमें बुखार लगभग 102 डिग्री सेल्सियस से 104 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।
रैशेज या चकत्ते पड़ जाना
चिकनगुनिया के मरीज को खुजली होती है जिससे उसके शरीर पर चकत्ते भी निकल जाते है।
पानी की कमी
दर्द से पीड़ित रहने पर मरीज़ ठीक से कुछ खास खा-पी नही पाता जिस वजह से शरीर में पानी की कमी रहती है।
अन्य लक्षण
शरीर में तेज दर्द, सिर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द, चक्कर आना और उल्टी महसूस होना, गले में खराश होना आंखों में दर्द होना आदि इस बीमारी के यह आम लक्षण है।
अगर आपको यह सब चिकनगुनिया के लक्षण नजर आए तो जल्द ही डॉक्टर से जाँच करवाए और जरूरी सावधानियां बरतें।
चिकनगुनिया से बचने के उपाय
वैसे तो चिकनगुनिया से बचने के लिए कोई टीका या मेडिसीन उपलब्ध नहीं है लेकिन हम कुछ बातों को ध्यान में रखकर इससे बच सकते है –
- घर के आस-पास की जगहों पर विशेष रूप से साफ-सफाई पर ध्यान देना।
- यदि बर्तन का पानी उपयोग में नहीं आ रहा है तो उस पानी के बर्तन को खाली कर दे क्योंकि जमे हुए पानी में मच्छर पैदा होते है।
- चिकनगुनिया के मच्छर रात के मुताबिक दिन में ज्यादा काटते है इसलिए हमें दिन में भी मच्छरों से बचाव करना चाहिए।
- जहाँ तक संभव हो सके पूरी बाजू के कपड़े पहने और मच्छरों से बचाव के लिए क्रीम, स्प्रे और ऑयल लगा कर रखे।
- रोज़ाना कूलर तथा गमले का पानी बदले, अगर ऐसा संभव ना हो तो सप्ताह में एक बार ज़रूर पानी को बदले।
- खाने में अधिक से अधिक अदरक, अजवाइन, हल्दी, हींग आदि का उपयोग करें।
- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और दरवाज़े-खिड़कियां बंद रखें, ताकि मच्छर अंदर न आ पाए।
- यह भी ध्यान दे कि बच्चे जहाँ खेल रहे है वहां या उसके आस-पास की जगह पर पानी का जमाव तो नही है।
चिकनगुनिया का इलाज
इस बीमारी के लिए वैसे तो कोई चिकनगुनिया दवा या औषधि, टीका तो नहीं है क्योंकि चिकनगुनिया के मच्छर पूरे दिन सक्रिय रहते है खासकर कि दोपहर में तो आप इन जगहों पर जाने से बचे या ऐसी जगह न जाए जहां मच्छर ज्यादा हो और खासतौर पर सफाई का ध्यान दे।
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चिकनगुनिया से बचने के घरेलू उपाय
वैसे तो इस बीमारी के लिए कोई इलाज नही है, लेकिन इसके बाद के प्रभाव में मरीज़ को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ख़ासकर के जोड़ों का दर्द। लेकिन हम आपको चिकनगुनिया के कुछ घरेलू उपाय बता रहे है जिन्हे चिकनगुनिया के लक्षणों को कम करने के लिए प्रभावी माने जाते है –
नारियल पानी
नारियल पानी चिकनगुनिया के वायरस से निपटने के लिए कारगर माना जाता है। चिकनगुनिया से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन 3-4 गिलास नारियल पानी पीना चाहिए, क्योंकि यह पौषक तत्व से भरपूर रहता है।
लहसुन
चिकनगुनिया के मरीज़ो के लिए लहसुन जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने का काम करता है। लहसुन की 10 से 12 कलियों का पेस्ट बनाकर आप इससे रोज जहां आपको दर्द हो रहा है वहां लगाकर कुछ घंटो के लिए छोड़ दे। इस पेस्ट का उपयोग आप दिन में दो बार कर सकते है।
पपीते के पत्ते
पपीते की पत्तियां डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारी के लिए प्रभावी माना जाता है क्योंकि डेंगू से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स की कमी होती है जिसे पूरी करने के लिए पपीते की पत्तियां बहुत कारगर साबित होती है पपीते की 7 से 8 पत्तियां ले और इन पत्तियों को पानी से धोकर अच्छे से मसलकर इसका पेस्ट बनाकर इसमें साफ पानी मिला ले और दिन में 3 से 4 बार दो बड़े चम्मच का सेवन करते रहे।
हल्दी
यह शरीर में सूजन और जोड़ों के दर्द में राहत दिलाती है। इसका सेवन आप एक गिलास गर्म दूध के साथ, आधा चम्मच हल्दी मिलाकर सुबह और शाम को सोने से पहले कर सकते है।
Conclusion:
जैसा की आपको इस पोस्ट में बताया गया है कि बरसात के मौसम का आना मतलब चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का भी आवागमन है। तो अब आप भी समझ गए होंगे की इससे कैसे बचा जा सकता है और साथ ही साथ आपको चिकनगुनिया के लक्षण और इलाज के बारे में भी जानकारी मिल गई होगी तो अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे ज़रूर शेयर करे, धन्यवाद!