योग एक आध्यात्मिक प्रकिया है इसके द्वारा व्यक्ति के शरीर, मन, और आत्मा को एक साथ लाया जाता है। इसे नियमित रूप से करने पर यह एक औषधि का भी काम करता है। योग को सदियों से किया जा रहा है अलग-अलग योग अवस्था के रूप में, लेकिन क्या आप जानते सूर्य नमस्कार को करके हम अपने पूरे शरीर के लिए योग कर सकते है।
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सूर्य नमस्कार कुछ योगासन से मिलकर बनता इसे प्रत्येक 5 जून (योग दिवस) को अंतराष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। सूर्य नमस्कार 12 शक्तिशाली योग बन गया है। एक महान कार्डियोवस्कुलर कसरत होने के अलावा, सूर्य नमस्कार का शरीर और दिमाग पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसी लिए हम आज आपके लिए सूर्य नमस्कार कब करे और Surya Namaskar Kaise Karte Hai इस के बारे में जानकारी देने वाले है।
Surya Namaskar Kya Hai
सूर्य नमस्कार नाम से ही पता चलता है सूर्य को नमस्कार करना, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे हमें सूर्य उदय होते समय करना चाहिए या सुबह जल्दी करना चाहिए। इस विधि से आपके पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। इस विधि में 12 योगासन है जिसमें हर योगासन का अपना अलग काम होता है। इन सभी को मिलाकर सूर्य नमस्कार बना है। जो आपके शरीर का रक्त संचार बढ़ाता, आपको तनाव मुक्त करता है, आपके शरीर को स्वस्थ रखता है। सूर्य नमस्कार को करना भी बहुत आसान है इसे हर उम्र के व्यक्ति कर सकते बच्चे, बूढ़े और जवान इसे नियमित रूप से करने पर यह आपको बहुत सी बिमारियों से दूर रखेगा।
Surya Namaskar 12 Names
अगर आप Surya Namaskar Names और Surya Namaskar Mantra के बारे में जानना चाहते है तो आगे आपको इस बारे में बताया गया है:
नाम | मंत्र |
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प्रणामासन | ॐ मित्राय नमः |
हस्त उत्तनासन | ॐ रवेय नमः |
हस्तपादासन | ॐ सूर्याय नमः |
अश्व संचालनासन | ॐ भानवे नमः |
दंडासन | ॐ खगाय नमः |
अष्टांग नमस्कार | ॐ पूष्णे नमः |
भुजंगासन | ॐ हिरण्यगर्भाय नमः |
पर्वतासन | ॐ मरीचये नमः |
अश्व संचालन | ॐ आदित्याय नमः |
हस्तपादासन | ॐ सवित्रे नमः |
हस्त उत्थानासन | ॐ अकार्य नमः |
ताड़ासन | ॐ भास्कराय नमः |
Surya Namaskar Steps
सूर्य नमस्कार करना कोई मुश्किल काम नहीं है इसे सूर्य उदय होते समय करना चाहिए आगे हम आपको सूर्य नमस्कार करने की विधि बता रहे है आपको इन आसनों के साथ इनके मंत्रो का भी उच्चारण करते रहना है तो चलिए शुरू करते है:
Step 1: प्रणामासन
सबसे पहले प्रणाम की मुद्रा में सीधे खड़े हो जाए और आंखे बंद करके अपने ध्यान को आज्ञा चक्र पर केंद्रित करे और मंत्र का उच्चारण करे।
Step 2: हस्त उत्तनासन
यहाँ आपको गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाना है और पीछे की झुकना है यहाँ पर ध्यान दे की आपके दोनों हाथ आपके कान के पास ही रहे और अपने ध्यान को विशुद्धि चक्र पर लाए और मंत्र का उच्चारण करे।
Step 3: हस्तपादासन
इस आसान में आपको धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की और झुकना है और अपने पैरों के पास की ज़मीन को अपने दोनों हाथों से स्पर्श करना है और अपने ध्यान को नाभि के पीछे मणिपूरक चक्र पर लाना है।
Step 4: अश्व संचालनासन
अब आप सांस लेते हुए अपने बायें पैर को पीछे की और ले जाए और गर्दन को आगे की और सीधे रखे यहाँ आपको अपने दायें पैर के आस-पास दोनों हाथों को रखना है।
Step 5: दंडासन
इसमें आपको सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए अपने दाएँ पैर को पीछे की ओर ले जाना है और दोनों पैरों की एड़ियों को पास-पास में करके अपने हाथों के बल एक सीधी मुद्रा में हो जाना है।
Step 6: अष्टांग नमस्कार
इस अवस्था में से अब आपको अपने पैरों को आगें की ओर लाते हुए अपने कूल्हों को ऊपर की ओर उठाना है और सीने को ज़मीन से टच करना है तथा इसमें अपनी आँखों को आगे सामने की ओर है।
Step 7: भुजंगासन
इसमें आपको अपनी गर्दन को ऊपर की और उठाते हुए पीछे ले जाना है यहाँ पर आपके दोनों हाथों के पंजे सीधे होना चाहिए और आपके दोनों हाथ आपकी दोनों साइड की पसलियों को टच होना चाहिए।
Step 8: पर्वतासन
अब इस आसन में आपको उलटे (V) की आकृति लेना है तथा सांस छोड़ते हुए अपने कूल्हे को ऊपर की और उठाना है इसमें आपको अपने पैरों और हाथों को विपरीत दिशा में फैलाना है। यहाँ आपके दोनों पैरों के पंजे चिपके होना चाहिए साथ ही आपके हाथ सिर से चिपके होना चाहिए और हाथों की हथेली दूर-दूर होना चाहिए।
Step 9: अश्व संचालनासन
यहाँ पर सांस लेते हुए अपने दायें पैर को आगे लाए और पंजे के बल रखे उसके बाद अपने बायें पैर को उसी अवस्था में ज़मीन पर टच करे घुटने तक और अपनी गर्दन को ऊपर की ओर उठाये।
Step 10: हस्तपादासन
इस अवस्था में सांस छोड़ते हुए अपने बायें पैर को आगे लाए और ऊपर उठे। इसके बाद अपने हाथों को पैरों के आगे ज़मीन से टच करे और हो सके तो अपने सिर को भी अपने पैरों के पंजो से छूने की कोशिश करे।
Step 11: हस्त उत्तनासन
अब इस अवस्था में सांस लेते हुए धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठे व कमर के बल पीछे की ओर झुके। उसके बाद अपने हाथों को अपने कानों के पास से लेकर ऊपर की और उठाए।
Step 12: ताड़ासन
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने हाथों और शरीर को सावधान मुद्रा में ले आए और मंत्र उच्चारण करे।
Surya Namaskar Benefits
आगे हम आपको सूर्य नमस्कार के फायदे के बारे में कुछ रोचक जानकारी दे रहे है जिससे आपको Surya Namaskar Ke Labh के बारे में पता चलेगा:
- सूर्य नमस्कार करने से आपके पूरे शरीर का वर्क-आउट हो जाता जिससे आपका शरीर स्वस्थ और दिन भर एनर्जी से भरपूर रहता है।
- सूर्य नमस्कार को डेली रूटीन में करने से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और आपके चेहरे पर झुर्रियां आम इंसान के मुक़ाबले बहुत देर से आती है और आपका चेहरा भी ग्लो करने लगता है।
- इसे आप अच्छे से और तेज़ी से करेंगे तो यह आपके वजन कम करने में भी बहुत उपयोगी होगा इसके साथ ही इससे आप अपने पेट की चर्बी को भी कम कर सकते है।
- जिन भी लोगों को पाचनतंत्र की समस्या हो उन लोगों को सूर्य नमस्कार ज़रूर करना चाहिए इससे उनका पाचनतंत्र ठीक हो जायेगा और गैस की समस्या भी खत्म हो जाएगी बस इसे नियमित करे।
Conclusion:
सूर्य नमस्कार करने के फायदों के बारे में तो अब आपको पता चल गया होगा। इसे नियमित रूप से 40 से 50 मिनट करने पर यह आपके शरीर की बहुत सी समस्याओं को समाप्त कर देगा। इससे आपका दिमाग़ शांत रहेगा और आपकी सोचने समझने की शक्ति भी बढ़ेगी। तो अगर आपको हमारी पोस्ट Surya Namaskar Kya Hota Hai पसंद आयी हो तो इसे ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे।
Disclaimer – योगा का अभ्यास करने से शरीर और दिमाग का विकास होता है। प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में योग सीखना और अभ्यास करना आवश्यक है। किसी भी चिकित्सीय स्थिति के मामले में, अपने डॉक्टर और योग शिक्षक से परामर्श करने के बाद ही योग का अभ्यास करें।